40 घंटे बाद आइएमए सक्रिय, हड़ताल की चेतावनी
आगरा: एसएन के जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों के जेल जाने के बाद आइएमए, आगरा के सदस्य सक्रिय हो गए हैं।
आगरा: एसएन के जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों के जेल जाने के बाद आइएमए, आगरा के सदस्य सक्रिय हुए। सोमवार सुबह से ही पदाधिकारियों को आड़े हाथ लिया। दबाव बढ़ने पर शाम को आइएमए ने मेडिकल छात्रों को रिहा कर मुकदमा वापस न लेने पर हड़ताल की चेतावनी दी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) के कार्यक्रम में मेडिकल छात्रों को भी शामिल किया जाता है। एनएमसी बिल के विरोध में आइएमए के प्रदर्शन में मेडिकल छात्र शामिल रहे थे। ऐसे में शनिवार रात से जूनियर डॉक्टर, होटल संचालक और पुलिस के बीच विवाद चलने के बाद भी आइएमए और एनएमओ के पदाधिकारी नहीं पहुंचे। इनमें से कोई रविवार को भी नहीं आया, इससे जूनियर डॉक्टरों का मनोबल टूटता गया। 15 साथियों के जेल जाने के बाद भी हड़ताल खत्म करनी पड़ी। इससे मेडिकल छात्रों में आइएमए और एनएमओ को लेकर आक्रोश है। वहीं, आइएमए के सदस्यों ने भी पदाधिकारियों को आड़े हाथ लिया। वाट्स एप पर सुबह से ही मेडिकल छात्रों को जेल भेजने का विरोध और आइएमए द्वारा हड़ताल पर जाने के लिए मैसेज आने लगे। ऐसे में शाम को आइएमए ने जूनियर डॉक्टरों को रिहा कर मुकदमा खत्म न करने पर काला दिवस मनाते हुए हड़ताल की चेतावनी दी है। वायरल बुखार में निजी क्लीनिक बंद होने से बिगड़ जाएंगे हालात : शहर में वायरल बुखार और मलेरिया फैला हुआ है। ऐसे में निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल में हड़ताल होने से हालात बिगड़ जाएंगे। ये है हाल
निजी हॉस्पिटल - 450 मरीज भर्ती 10 से 12 हजार
निजी क्लीनिक - 1200 मरीज 30 से 40 हजार
एसएन - 700 मरीज भर्ती, ओपीडी में 3500 से 4000 मरीज
जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आइएमए को प्रकरण से दूर रखा, यह गलत हुआ है। मुकदमा खत्म कर रिहा किया जाना चाहिए, ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
डॉ. आरएम पचौरी, अध्यक्ष आइएमए प्रशासन ने दबाव में निर्दोष मेडिकल छात्रों को जेल भेजा है, यह आइएमए के लिए काला दिवस है, छात्रों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। इसके विरोध में हड़ताल पर भी जा सकते हैं, इससे हालात बिगड़ने पर जिला और पुलिस प्रशासन जिम्मेदार होगा।
डॉ. ओपी यादव, सचिव आइएमए