मुनादी की पर नहीं तोड़े अवैध निर्माण, आखिर कैसे मिटेंगे सीकरी के ये दाग
एक वर्ष पहले स्मारक के पास 11 अवैध निर्माण पर लगाए थे लाल निशान। दस दिन का दिया था समय फिर नहीं पहुंचे तोड़ने।
आगरा, यशपाल चौहान। फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा और अकबर के किले के पास अवैध निर्माण करने वालों के हौसले यूं ही बुलंद नहीं हुए। सरकारी मिलीभगत से पहले तो निर्माण हुए। फिर कार्रवाई के बजाय जिम्मेदार इसे टालते रहे। पहली बार अधिकारियों ने हिम्मत दिखाई। अवैध निर्माण तोड़ने को मुनादी कराई गई। मगर, दस दिन का समय देकर अधिकारी अब तक वहां लौटकर नहीं पहुंचे हैं।
फतेहपुर सीकरी में पांच सौ से अधिक छोटे-बड़े अवैध निर्माण हैं, जो संरक्षित स्मारक के निषिद्ध और विनियमित क्षेत्र में हुए हैं। इनमें से 53 बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण आदेश भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक दे चुके हैं। मगर, ये फाइलों से बाहर नहीं आ सके। एक वर्ष पहले स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए। तहसीलदार समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने 11 अवैध निर्माण चिह्न्ति कर लाल निशान भी लगा दिए। इनमें दुकानें, एक होटल के आगे का हिस्सा और मकान शामिल है। इसके बाद तहसीलदार, तत्कालीन थाना प्रभारी और एएसआइ के संरक्षण सहायक ने फतेहपुर सीकरी में मुनादी कराई। कहा गया कि दस दिन में अगर ये अवैध निर्माण खुद नहीं तोड़े गए तो प्रशासन इन्हें तुड़वाएगा। इसका खर्चा भी संबंधित व्यक्तियों से लिया जाएगा। मुनादी के बाद अफसरों ने उसकी ओर रुख भी नहीं किया। लाल निशान लगी बिल्डिंग आज भी सुरक्षित खड़ी हैं। उनमें से एक ईंट तक भी नहीं निकाली। अभी अफसर अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।
थाने से दस मीटर की दूरी पर बन गया मार्केट
थाने से महज दस मीटर की दूरी पर पूर्व में एक गोदाम था। इसको तुड़वाकर गोदाम मालिक ने यहां बाजार बनवा दिया। इसमें एक बड़ी गैलरी और दोनों ओर 10-10 दुकानें बन गईं। मार्च में एएसआइ के अधिकारियों ने फतेहपुर सीकरी थाने में इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया। तब चार-पांच दिन के लिए यहां निर्माण बंद रहा। मगर, बाद में फिर निर्माण शुरू हो गया। अब यहां बाजार पूरा बन चुका है, केवल फिनिशिंग चल रही है। मगर, पुलिस और संबंधित विभाग आंख बंद किए बैठे हैं।
सरकारी पहाड़ पर रात में होता है निर्माण
फतेहपुर सीकरी में सरकारी पहाड़ पर वर्तमान में भी रात में निर्माण कार्य चलता है। इसके आसपास रहने वाले लोग यूपी 100 पर इसकी सूचना भी देते हैं। पुलिस मौके पर जाती है। मगर, निर्माण बंद नहीं होता।
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