Illegal Cartridge Case: अवैध तरीके से छह लाख कारतूसों की बिक्री का खुला राज, हर जिले से गुपचुप तरीके से की गई थी खरीद
Illegal Cartridge Case कारतूस कांड के मुख्य आरोपी प्रतीक सक्सेना के खिलाफ गैंगस्टर लगाने की संस्तुति। एसपी जीआरपी बोले गन हाउसों के सत्यापन में सच आएगा सामने। प्रतीक सक्सेना और उसके आधा दर्जन साथी असली के साथ नकली कारतूसों का भी सौदा करते थे।
आगरा, जागरण संवाददाता। चंद पैसों के खातिर कुछ लोगों ने प्रदेश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। अवैध तरीके से छह लाख कारतूसों की बिक्री हुई है। इस कार्य को गिरोह ने अंजाम दिया है। हर जिले से गुपचुप तरीके से कारतूसों की खरीद की गई फिर जरूरत के हिसाब से बिहार सहित अन्य राज्यों के बदमाशों को यह बेचे गए। यह पर्दाफाश एसपी जीआरपी मोहम्मद मुश्ताक की जांच में हुआ है।
एसपी जीआरपी ने कारतूस कांड के मुख्य आरोपी प्रतीक सक्सेना के खिलाफ गैंगस्टर लगाने की संस्तुति अमरोहा के डीएम और एसएसपी को की है। उन्होंने कहा कि सरकारी गनहाउसों की जांच से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। कारतूस कांड में अब तक डेढ़ दर्जन लोगों को लिप्त पाया गया है। आधा दर्जन से अधिक लोगों को जेल भेज दिया गया है। बाकी पर कार्रवाई की जा रही है। एसपी जीआरपी ने बताया कि कारतूस कांड की जांच पूरी हो गई है। कारतूसों को ट्रेनों और बसों से भी भेजा जाता था। कई संदिग्धों की पहचान हो चुकी है। संबंधित लोगों पर कार्रवाई भी की जा रही है।
यह है मामला
24 अप्रैल को जीआरपी टूंडला ने चेकिंग के दौरान रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर सात से दतौजी निवासी शादाब और उसके भाई सुल्तान को 700 कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। जांच में हसनपुर, अमरोहा निवासी प्रतीक सक्सेना का नाम सामने आया। जीआरपी ने प्रतीक को गिरफ्तार किया जिसमें कई चौंकाने वाले राज खुले।
असली के साथ नकली कारतूस का भी कारोबार
प्रतीक सक्सेना और उसके आधा दर्जन साथी असली के साथ नकली कारतूसों का भी सौदा करते थे। गन हाउसों में जमा खोखों को किसी तरीके से प्राप्त कर लेते थे फिर उन्हें भरवा कर नए कारतूसों के साथ मिला दिया जाता था। ऐसे में किसी को शक भी नहीं होता था।
इन जिलों से कनेक्शन
आगरा, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ।