Yoga in Covid: अगर कोविड पॉजिटिव से नेगेेटिव होने पर भी हो रही है परेशानी तो अपनाएं ये योगासन, होगी जल्द रिकवरी
कोरोना वायरस संक्रमण को मात देने के बाद भी कोविड मरीजों को कमजोरी की सबसे अधिक शिकायत। योगा में अनुलोम विलोम रामबाण है ठीक होने वाले मरीजों के लिए। हल्का-फुल्का योगा करने से शरीर में ऑक्सीजन और रक्त संचारण हो सकता है बेहतर।
आगरा, जागरण संवाददाता। यदि आप कोविड पेशेंट रहे हैं। आपका कोविड टेस्ट अब पॉजिटिव से नेगटिव हो चुका है और आप ठीक होकर घर आ गए हैं। उसके बाद भी कुछ दिक्कत महसूस हो रही है तो यह न समझें कि आप पूरी तरह ठीक हो गये हैं। आपको कोविड के बाद भी उपचार लेना है। बहुत सी सावधानियां रखनी हैं। खान पान पर ध्यान देना है। यदि ऐसा नहीं किया तब आपके लिए खतरा टला नहीं है। जी, हां कोविड से सही होने के बाद भी मरीजों को अलग-अलग तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को थकावट, बेचैैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसी को भूख अधिक लग रही है, किसी को भूख कम लगना शुरू हो गया है। जर्नल ऑफ मेडिकल विरोलॉजी में प्रकाशित मरीजों के लक्षणों पर एक शोध में कहा गया है कि कोविड के मरीज ठीक होने के बाद भी साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं।
कोविड से ठीक होने वाले मरीजों में कमजोरी अधिक होती है। उनको कमजोरी की वजह से थकावट अधिक महसूस होती है। सुस्ती और कमजोरी से मरीज पहले की तरह उर्जावान नहीं रह पाता। यदि किसी की विल पावर अधिक अच्छी है, तब वह जबरन ऐसा महसृूस करता है कि उसे कुछ नहीं हुआ है। वास्तविक्ता यह है कि थकान और कमजोरी से मरीज का शरीर टूट सा जाता है। बहुत से लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। उनको छाती में दर्द की भी शिकायत हो सकती है। दिल की धड़कनों का तेज लगना यानि सावधानी बरतने की तरफ इशारा करना है। सबसे कम लोगों को जो दिक्कत आती है, वह है याद्दाश्त का कमजोर होना, ऐसे मरीज शोध में मात्र 25 फीसदी ही निकल कर सामने आये हैं। इन मरीजों को नींद नहीं आने की शिकायत भी रहती है। सबसे खराब बात यह होती है कि इनको तनाव व बेचैनी महसूस होती है। इसकी वजह से उनके मन में अजीब सा डर बैठ जाता है। इसके अलावा गंध का नहीं आना, लंबे समय तक स्वाद नहीं महसूस होना आदि ऐसी समस्यायें हैं। इनको लेकर लोग परेशान हो जाते हैं।
योग बन सकता है सहारा
विशेषज्ञ कहते हैं कि इन सभी समस्याओं का हल योग से संभव है। आगरा के योगाचार्य रवि जैन ने बताया कि योग और अध्यात्म के माध्यम से इन समस्याओं को समाप्त किया जा सकता है। इसके लिए ऐसा नहीं है कि कोई भी योग किया जा सकता है। ऐसे मरीजों को सूक्ष्म व्यायाम करने चाहिए। यह व्यायाम ऐसे होने चाहिए, जिनसे थकान नहीं हो। इसके अलावा अनुलोम विलोम इनके लिए रामबाण है। अनुलोम विलोम में शरीर के अंदर रक्त संचारण में सुविधा होती है। शरीर के प्रत्येक भाग में ऑक्सीजन लेवल ठीक होता है। लेकिन अनुलोम विलोम भी ठीक तरह से किये जाने चाहिए। इसके अलावा प्रणायाम की कुछ अन्य विधियों का भी सहारा लिया जा सकता है। लेकिन इसके लिए मरीज किसी योग्य योगा ट्रेनर की सेवायें लेंं, उनकी सेवाओं के अनुसार ही योग किया जाये। बहुत से लोगों के लिए कपाल भाति अच्छा हो सकता है, बहुत से लोगों के लिए यह ठीक नहीं हो सकता है। मरीज की परेशानियों को देख कर ही उचित योगा कराया जा सकता है। ऐसे लोग जो योगा ट्रेनर की सेवायें नहीं ले सकते हैं उनके लिए फोन नंबर 9370832534 पर नि:शुल्क सलाह उपलब्ध है।