EPFO: ईपीएफओ से जुड़ा अगर मसला है तो अब उसका निकलेगा किफायती समाधान
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन करेगा वादों की अब वर्चुअल सुनवाई। व्यक्तिगत पेशी से मिलेगा छुटकारा।
आगरा, संदीप शर्मा। विधिक न्यायालयों की तरह अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भी वर्चुअल माध्यम से ईपीएफ और एमपी अधिनियम 1952 के तहत आने वाले अर्ध-न्यायिक मामलों की सुनवाई करेगा। इससे प्रतिष्ठानों और ग्राहकों को समय से किफायती समाधान मिलने की उम्मीद है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त प्रथम आरके पाल ने बताया कि ईपीएफ और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 की धारा सात ए और 14 बी के तहत सुनवाई वर्चुअल मोड में होगी। इसे सुगम बनाने को कंप्लायंस ई-प्रोसीडिंग पोर्टल पर ईपीएफओ की ई-कोर्ट प्रक्रिया के साथ वर्चुअल सुनवाई को एकीकृत किया गया है। यह ई-नोटिस जारी करने, कार्यवाही की वास्तविक समय रिकॉर्डिंग और आदेशों के संचार की सुविधा प्रदान करेगा। दैनिक और अंतिम आदेश सहित केस की स्थिति भी पोर्टल पर सभी पक्षों को उपलब्ध होगी।
इसके हैं फायदे
वर्चुअल सुनवाई के कई फायदे हैं, जिसमें व्यक्तिगत पेशी की आवश्यकता नहीं। यह नियोक्ताओं की लागत व समय की बचत करेगा। डिजिटलीकरण से मामलों की लंबित संख्या कम होगी और न्याय मिलने में तेजी आएगी।
सफल रहा पायलेट प्रोजेक्ट
जुलाई और अगस्त 2020 में संगठन के दो क्षेत्रीय कार्यालयों में इसका प्रयोग पायलेट रन में किया गया, जो सफल होने के बाद लांच किया गया। उसमें 90 अर्ध-न्यायिक मामलों की वर्चुअल सुनवाई हुई। नौ सितंबर को केंद्रीय राज्यमंत्री संतोष गंगावार ने केंद्रीय न्यासी बोर्ड, कर्मचारी भविष्य निधि की 227वीं बैठक में इसकी विधिवत शुरूआत की।