World TB Day: सन 2025 तक टीबी के खात्मे का संकल्प, आगरा में मोहल्लों में जाकर कराई जा रही है जांच
प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में आगरा में काम कर रहा स्वास्थ्य विभाग। कोविड समुचित व्यवहार का पालन करने से रूकेगा कोरोना संक्रमण। सीफार के सहयोग से विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला।
आगरा, जागरण संवाददाता। देश को सन 2025 तक टीबी मुक्त बनाने की दिशा में आगरा में भी पहल हो रही है। शहर में छोटे-छोटेे पाकेट बनाकर काम किया जा रहा है। शहर में इन पाकेट में अभियान चलाकर टीबी के रोगियों को चिन्हित किया जा रहा है। इसके बाद उनका उपचार किया जाता है। इसके लिए नि:क्षय पोषण योजना भी चलाई जा रही है। इसमें रोगी को उपचार के साथ स्वस्थ पोषण आहार खाने के लिए सीधे खाते में पैसा दिया जाता है।
वर्ल्ड टीबी डे के उपलक्ष्य में आगरा में जिला स्वास्थ्य समिति आगरा द्वारा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें 2025 तक आगरा को टीबी से मुक्त करने के संकल्प लिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने बताया कि प्रधानमंत्री जी द्वारा हमें 2025 तक टीबी मुक्त भारत का काम हमें सौंपा है। इसको करने के लिए स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इसके लिए आगरा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के माध्यम से प्राइवेट डॉक्टर्स का भी खूब सपोर्ट मिल रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि जनपद में टीबी के खात्मे के लिए थ्री टी फॉर्मूले पर काम किया जा रहा है। सबसे पहले संभावित टीबी रोगी की पहचान के लिए ट्रेसिंग की जा रही है। इसके बाद उसका टेस्ट करके पता लगाया जा रहा है कि मरीज को टीबी है या नहीं। इसके बाद यदि मरीज को टीबी का संक्रमण है तो उसका ट्रीटमेंट किया जा रहा है, ताकि टीबी का खात्म हो सके।
सही उपचार मिलना और पूरा ट्रीटमेंट कराना जरूरी
डीटीओ ने बताया कि सन 2016 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि टीबी से पूरी तरह से मुक्ति पानी है तो टीबी का सही और पूरा उपचार किया जाना जरूरी है। इसलिए हमारा फोकस यही है कि टीबी के मरीज अपनी दवा न छोंड़े और पूरा ट्रीटमेंट लेने के बाद टीबी के संक्रमण से मुक्त हो जाएं। जिला क्षय रोग विभाग इसके लिए लगातार मरीजों की काउंसलिंग भी करता है।
डीटीओ ने बताया कि जनपद में टीबी की जांच और मरीजों के उपचार की पूरी तरह मुफ्त और सुदृढ़ व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि जनपद में पहले केवल चार ही केंद्रों पर टीबी की जांच संभव थी। लेकिन अब 9 सेंटर और बढ़ गए हैं। इससे अब जनपद में 13 सेंटरों पर सीबीनाट और ट्रूनाट मशीनों दवारा टीबी की जांच की जा रही है और जांच करने के 24 घंटे के भीतर टीबी जांच की रिपोर्ट मिल जाती है। उन्होंने बताया कि यूपी में सबसे ज्यादा टीबी के मरीज आगरा में हैं, इसके साथ ही आगरा पूरे यूपी में टीबी के मरीजों का उपचार में भी नंबर वन है।
टीबी के रोगी को छिपाना गैर-कानूनी
डीटीओ ने बताया कि यदि आपके आस-पास किसी में भी टीबी के लक्षण दिखते हैं तो जिला क्षय रोग विभाग को जरूर सूचित करें। उसकी जांच कराएं और उसका उपचार करके जिला क्षय रोग विभाग द्वारा उसका उपचार करके मरीज को टीबी संक्रमण से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई टीबी रोगी को छिपाता है तो धारा 269 और 270 के तहत उसे दो साल तक की सजा भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि ये इस बात की गंभीरता को बताता है टीबी कितना खतरनाक रोग है।
आईएमए आगरा के प्रेसिडेंट डॉ. रवि मोहन पचौरी ने बताया कि नि: क्षय पोषण योजना टीबी के संक्रमण को खत्म करने में काफी सार्थक है। वे बताते हैं कि प्राइवेट क्लीनिक्स में भी हम व्हाट्स के माध्यम से टीबी के रोगी को नोटिफाई करते हैं। इससे आगरा में टीबी के रोगियों का नोटिफिकेशन बढा है। आगरा टीबी रोगियों के नोटिफिकेशन, फॉलोअप और ट्रीटमेंट में नंबर वन है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से पोलियो के लिए पल्स पोलियो अभियान चलाकर भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया गया। इसी प्रकार से हम भारत को टीबी मुक्त भी कर देंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसल्टेंट डॉ. प्रदेश ने बताया कि टीबी के मरीजों को हमें एमडीआर टीबी से रोकना जरूरी है। क्योंकि यदि टीबी का मरीज ट्रीटमेंट पूरा नहीं लेगा तो उसकी टीबी एमडीआर टीबी में बदल सकती है और उसे इसके लिए दो साल तक टीबी का ट्रीटमेंट लेना पड़ता है।
कोरोना की रोकथाम के लिए करना होगा बचाव
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने बताय कि कोविड-19 का संक्रमण फिर से बढ़ने लगा है। इसलिए जरूरी है कि कोविड-19 से बचाव का पालन किया जाए। लॉकडाउन को लेकर पूछे गए मीडिया के सवाल पर सीएमओ ने कहा कि यदि हम सभी मिलकर कोरोना से बचाव के उपाय जैसे मास्क पहनना, भीड़-भाड़ से दूर रहना और हाथों को साफ रखना जारी रखेंगे तो लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं बनेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. बीएस चंदेल ने बताया कि कोविड-19 से बचाव के लिए टीका आ गया है। लेकिन जब तक लगभग 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 नहीं लगेगा तब तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए कोविड समुचित व्यवहार का पालन करना होगा।
कार्यशाला में जिला क्षय रोग केंद्र की तरफ से जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह, अरविंद कुमार यादव, पंकज सिंह, अखिलेश शिरोमणि, शिवम शर्मा, ललित सिंह एवं संदीप भगत, सीफार संस्था से सोनल राठौर, संदीप मुखर्जी, राना बी., डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, जिला परामर्श दाता मातृ स्वास्थ्य संगीता भारती, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्टिनेडर सन्नू सूर्यवंशी, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ. बीएस चंदेल, डॉ. प्रदेश, यूनिसेफ से डीएमसी अमृतांशु राज, मधुमिता, जीएलआरए संस्था के प्रतिनिधि गौरव सहित क्षय रोग उन्मूलन में काम कर रहे सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। संचालन शशिकांत पोरवाल ने किया।