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कैनाल की पटरी टूटने से सैंकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न

आगरा कैनाल का पानी छोड़ा गया फरह के खेतों में। सिंचाई विभाग की लापरवाही से किसान आक्रोशित।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 01:11 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 01:11 PM (IST)
कैनाल की पटरी टूटने से सैंकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न

आगरा(जागरण संवाददाता): मथुरा जिले के फरह क्षेत्र के गाव धर्मपुरा में शुक्रवार को आगरा कैनाल नहर की पटरी टूटने से सैकड़ों बीघा धान, ज्वार व बाजरा की फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई। किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। किसानों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।

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विगत दो दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से किसान पहले ही परेशान थे। अब प्रकृति की मार झेल रहे किसान को सरकारी सिस्टम से भी मदद नहीं मिल रही है।

मामला गाव धर्मपुरा का है जहा आगरा कैनाल नहर की पटरी चार जगह से टूट जाने से ग्रामीणों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई। पटरी टूट जाने की सूचना किसानों को शनिवार सुबह लगी तो ग्रामीणों ने नहर की तरफ दौड़ लगा दी। हाथों में फावड़ा, तसला और कुदाल लेकर नहर पर पहुंच गए। बड़ी मुश्किल से उन्होंने दो जगह नहर की टूटी पटरी को रोक दिया लेकिन दो जगह ज्यादा चौड़ी पटरी टूट जाने की वजह से वह पानी को नहीं रोक सके। देखते ही देखते सैकड़ों एकड़ जमीन में पानी- पानी हो गया और धान आदि की फसल डूब गई। यह नजारा देख ग्रामीणों के हाथ पैर फूल गए। किसानों ने सिंचाई और नहर विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन सिंचाई विभाग की सुस्त व्यवस्था के चलते किसानों के खेतों में नहर का पानी दौड़ता रहा। किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी फोन लगाए लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली। जबकि ओवरफ्लो नहर की जानकारी पहले से ही किसानों द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई थी। रात्रि में नहर के पानी ने किसानों की फसल को तहस-नहस कर डाला और किसान हाथ मलते रह गए।

ग्रामीण अब पानी का बढ़ता स्तर देख खेतों की चिंता छोड़ अपने घरों में पानी जाने से रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। खबर लिखे जाने तक किसी अधिकारी ने नहर के पानी को रोकने की व्यवस्था पर कोई कदम नहीं उठाया है। इससे किसानों में सिचाई विभाग के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। इनके खेतों मे भरा पानी:

ग्रामीण रामवीर, पोहप सिंह,

मानचंद, सुरेश, बलदेव, गोविदा, बहादुर प्रधान, मुकेश, ओमप्रकाश, ओषिशर, प्रेम सिंह, पप्पू, रीतराम, नेत्रपाल, घूरे भगत, गुलाब सिंह, शिवकुमार, किशन ठेकेदार आदि दर्जनों लोगों की फसल बर्बाद हुई है।


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