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ध्‍यान से पढ़ लें ये खबर, इस टैक्‍स में बढ़ोत्‍तरी के चलते जेब पर वजन बढ़ाने की तैयारी Agra News

दो साल के बाद फिर से हाउस टैक्स की बढ़ोतरी की फाइल खुलेगी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 11:40 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 11:40 AM (IST)
ध्‍यान से पढ़ लें ये खबर, इस टैक्‍स में बढ़ोत्‍तरी के चलते जेब पर वजन बढ़ाने की तैयारी Agra News
ध्‍यान से पढ़ लें ये खबर, इस टैक्‍स में बढ़ोत्‍तरी के चलते जेब पर वजन बढ़ाने की तैयारी Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। शासन के आदेश ने नगर निगम आगरा को राहत दी है। दो साल के बाद फिर से हाउस टैक्स की बढ़ोतरी की फाइल खुलेगी। बढ़ोतरी कितनी होगी, यह निर्णय सर्वे के बाद लिया जाएगा।

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नगर निगम ने वर्ष 2002 में हाउस टैक्स की दरें निर्धारित की थीं। वर्ष 2010 में हाउस टैक्स की दरों में बीस फीसद की बढ़ोतरी की गई। वर्ष 2017 में 12 फीसद की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार हुआ। निगम प्रशासन ने इसका सर्वे कराया लेकिन इस बीच पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया। वर्तमान में 58 पैसे से लेकर 1.20 रुपये प्रति स्क्वायर फीट (प्रति माह) के हिसाब से हाउस टैक्स लिया जाता है। उधर, शासन के आदेश पर सीवर और वाटरटैक्स में बढ़ोतरी होगी।

3.15 लाख हैं भवन स्वामी

नगर निगम में एक साल पूर्व तक 1.80 लाख भवन स्वामी थे जो अब बढ़कर 3.15 लाख हो गए हैं।

टैक्स आवासीय और इस्तेमाल व्यावसायिक

नगर निगम के सौ वार्डो में पांच हजार मोहल्ले हैं। 45 फीसद मोहल्ले में आवासीय में एडीए से नक्शा पास है भवन का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है।

अब तक 20 करोड़ की वसूली

इस वित्तीय साल में हाउस टैक्स की वसूली का लक्ष्य 55 करोड़ रुपये है। 13 अक्टूबर तक बीस करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है, जबकि पिछले वित्तीय साल में दस करोड़ रुपये की वसूली हुई थी।

नगरायुक्त अरुण प्रकाश का कहना है कि हाउस टैक्स की बढ़ोतरी को लेकर शासन के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।

हाउस टैक्स

- 3.15 लाख आवासीय भवन स्वामी हैं

- 35 हजार व्यावसायिक भवन स्वामी हैं

- हर साल एक लाख भवन स्वामी टैक्स जमा करते हैं

- पिछले वित्तीय साल में 50 करोड़ का लक्ष्य था जो कि प्राप्त किया गया।

सीवर व वाटर टैक्स

- 2.10 लाख सीवर और वाटर टैक्स के स्वामी हैं

- हर साल एक लाख भवन स्वामी ही टैक्स अदा करते हैं

- पिछले साल 100 करोड़ की वसूली का लक्ष्य था। 70 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।


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