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मकर संक्रांति आज, दान से मिलेगा पुण्य, घाटों पर रखें सफाई का ध्यान

सूर्य ने सोमवार शाम 7:52 बजे मकर राशि में किया प्रवेश, उदया तिथि के अनुसार मंगलवार को मनाई जाएगी संक्रांति

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 08:00 AM (IST)
मकर संक्रांति आज, दान से मिलेगा पुण्य, घाटों पर रखें सफाई का ध्यान
मकर संक्रांति आज, दान से मिलेगा पुण्य, घाटों पर रखें सफाई का ध्यान

आगरा, जागरण संवाददाता। मंगलवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। ¨हदू धर्म में मकर संक्रांति बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन नदियों और सरोवर में स्नान करने के बाद दान कर पुण्य कमाया जाता है। इस बार मकर संक्रांति 14 की बजाय 15 जनवरी को मनाई जा रही है।

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मकर संक्रांति 14 जनवरी को उत्तर भारत में मनाई जाती है। इस बार सूर्य ने सोमवार शाम 7:52 बजे मकर राशि में प्रवेश किया, जिसके साथ खरमास खत्म हो गया। अब मांगलिक कार्यो की शुरुआत होगी। ¨हदू धर्म में उदया तिथि के अनुसार पर्व मनाए जाते हैं। इसके चलते इस बार 15 जनवरी (मंगलवार) को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। उत्तरायण को देवताओं का दिन माना गया है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। गंगा स्नान एवं गंगातट पर दान को अत्यन्त शुभ माना गया है। तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गयी है।

ज्योतिषी चंद्रेश कौशिक ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं।

तिल-गुड़ और खिचड़ी का होता है दान

उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी, गुड़ व तिल का दान करने की परंपरा है। इस दिन खिचड़ी, गजक आदि का सेवन किया जाता है। बाजार में सोमवार को गुड़, चीनी और तिल की गजक आदि की खूब बिक्री हुई।

उड़ाते हैं पतंग

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का सिलसिला शुरू होता है, जो बसंत पंचमी तक चलता है। बाजार में पतंगों, डोरी और मांझे की खरीदारी को लोग पहुंचते रहे।

सर्वोपरि है सूर्य उपासना

वेदों में सूर्य उपासना को सर्वोपरि माना गया है। वो आत्मा, जीव, सृष्टि के कारक एक मात्र देवता हैं, जिनके हम साक्षात रूप से दर्शन करते हैं।

खिचड़ी की परंपरा

मकर संक्रांति पर खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। साथ ही इस दिन तिल, गुड़, रेवड़ी, गजक का प्रसाद भी बाटा जाता है। मान्यता है कि चावल चंद्रमा, काली उड़द की दाल शनि और हरी सब्जिया बुध का प्रतीक होती हैं। मकर संक्राति पर खिचड़ी खाने से कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है।


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