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Holi 2020: रंगभरनी एकादशी पर जन्‍मभूमि पर बरसे रंग, फाग में दिखी भादों की तरंग

चांदी के सिंहासन में बैठ आराध्य ने खेली भक्तों संग पिचकारी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर खेली गई लठामार होली।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 05:40 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 09:03 PM (IST)
Holi 2020: रंगभरनी एकादशी पर जन्‍मभूमि पर बरसे रंग, फाग में दिखी भादों की तरंग
Holi 2020: रंगभरनी एकादशी पर जन्‍मभूमि पर बरसे रंग, फाग में दिखी भादों की तरंग

मथुरा, जेएनएन। रंगीले की रंगीली होली उन्हीं की जन्मभूमि पर खेली जा रही थी। प्रिया-प्रियतम की होली का दृश्‍य बैकुंठ से भी खूबसूरत नजर आ रहा था। आस्था के डग के सामने इंद्र देवता का रंग फीका पड़ गया। मंच के सांस्कृतिक कार्यक्रम युगल सरकार की होली में श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर रहे थे। श्रद्धालु भी लठामार होली को लालायित थे। जैसे ही शाम को ढोल-नगाड़ों की आवाज से हुरियारे-हुरियारिनों के आने का संदेश हुआ, फिर मस्ती की थाह नहीं रही। मशीनों से इतना अबीर-गुलाल उड़ा कि जन्मभूमि के आसमान पर अबीर-गुलाल के बदरा छा गए। पुष्प और गुलाल बारिश के बीच ऐसी लठामार होली हुई कि प्रिया-प्रियतम की ही होली जीवंत हो गई।

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श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होली का शुभारंभ दोपहर दो बजे के करीब भगवान गणेश की स्तुति व वंदना से हुआ। होली शुरू होने से पहले ही भक्तों पर सांवरिया का रंग चढ़ गया। होली की मस्ती में कोई झूम रहा था तो कोई नृत्य कर रहा था। जन्मभूमि पर होली का ²श्य देवताओं को भी हर्षित करने वाला था। कोई भी इस होली में रंगे बिना अपने को कोई नहीं रोक सका। दोपहर में शुरू हुए सांस्कृति कार्यक्रम ढलान पर थे और ढोल नगाड़ों की आवाज के साथ रावल और श्रीकृष्ण संकीर्तन मंडल के हुरियारे-हुरियारिनों के जन्मभूमि पर आते ही प्रिया-प्रियतम की सजीव होली साकार हो उठी। मशीनों से चारो ओर अबीर-गुलाल उड़ाया जाने लगा। अबीर गुलाल से जन्मभूमि पर सतरंगी बदरा छा गए। होली खेलन आए हैं नटवर नंद किशोर जैसे रसिया पर सृष्टि झूम उठी। सुगंधित ²व्य, पुष्प गुलाल की बारिश अलौकिक ²श्य बना। कई क्विटंल गुलाल आसमान में उड़ गया। हुरियारिनों की रंग-बिरंगी लाठियों को जब हुरियारों ने ढाल पर लिया तो तड़तड़ाहट होने लगी। होली की मस्ती चरम पर थी। हुरियारिनों के सामने जो भी आया, उसको लठिया दिया। श्रद्धालु और पुलिस वाले भी इस प्रेम पगी लाठियों की मार खाकर अपने को धन्य समझते रहे। अंधेरा होने तक जन्मभूमि परिसर में लठों की तड़तड़ाहट गूंजती रही। इससे पूर्व मंच पर विराजमान युगल सरकार श्रीकृष्ण राधा के स्वरूपों की आरती की। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, किशोर भरतिया, नंदकिशोर अग्रवाल, अनिल आदि ने काष्र्णि गुरु शरणानंद महाराज का स्वागत किया। 


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