महाशिवरात्रि कल, शिवमय होगा शहर, जानिए कैसे होगा जलाभिषेक
सोमवार को शिव मंदिरों में उमड़ेगा आस्था और श्रद्धा का सैलाब सुबह अभिषेक व शाम को सजेंगे फूलबंगले निकलेगी शिव बरात
आगरा, जागरण संवाददाता। भगवान शिव की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि सोमवार को मनाया जाएगा। सुबह से मंदिरों में रुद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक होंगे। शहर शिवमय होगा और शिवालयों में बोल बम की गूंज रहेगी। शाम को मंदिरों में फूलबंगले सजेंगे और विशेष श्रृंगार के दर्शन होंगे। शहर में भगवान शिव की बरात निकलेगी।
फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार महाशिवरात्रि सोमवार को होने से दुर्लभ संयोग बन रहा है। सोमवार शिव का वार होने से श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों में उमड़ेगी। इसके लिए मंदिरों में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त सोमवार शाम 4:28 बजे से पांच मार्च की सुबह 7:07 बजे तक रहेगा। आगरा के चारों कोनों पर शिव मंदिर बने हुए हैं। कैलाश, बल्केश्वर, राजेश्वर, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिरों के साथ मन:कामेश्वर, रावली और वनखंडी महादेव मंदिरों में सोमवार, सावन के सोमवार और महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। बल्केश्वर स्थित बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर से शिव बरात सोमवार शाम को निकलेगी।
पं. किशनचंद वाजपेयी बताते हैं कि शिवरात्रि सभी मंदिरों में सोमवार को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। दूध, दही, बेर, धतूरा, बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाएं। सर्वार्थसिद्धि योग
पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया कि महाशिवरात्रि पर श्रवण और घनिष्ठा नक्षत्र होने से सिद्धि एवं शुभ नाम के योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग में हर तरह की खरीदारी की जा सकती है। इसीलिए मनाई जाती है शिवरात्रि
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसी दिन पहली बार भगवान विष्णु व ब्रह्मा जी ने शिवलिंग की पूजा की थी। दूसरी मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। तीसरी कथा के अनुसार भगवान शिव ने इस दिन समुद्र मंथन से निकले विष का पान कर सृष्टि की रक्षा की थी। ऐसे करें पूजा
शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने को शिवलिंग के अभिषेक के लिए दूध या पानी लें। उसमें शहद अवश्य मिलाएं। अभिषेक के बाद शिवलिंग पर सिंदूर लगाएं। सिंदूर लगाने के बाद धूप और दीपक जलाएं। बेलपत्र चढ़ाएं। आखिर में अनाज या फल चढ़ाएं। पूजा संपन्न होने तक ऊं नम: शिवाय का जाप करते रहें। इस दिन शिवलिंग पर जल या दूध की धारा लगाने से भगवान शिव की असीम कृपा सहज मिलती है।