आगरा में फैला 'मौत की कॉल' का फर्जी मैसेज
वाट्स एप पर बुधवार सुबह से एक मैसेज दनादन शेयर हुआ, इसमें 777888999 नंबर लिखा था और इसे मौत का नंबर बताया जा रहा था।
आगरा (जागरण संवाददाता)। सोशल मीडिया पर हर दिन कोई फोटो या वीडियो वायरल होता है। मगर, बुधवार को वाट्स एप पर 'मौत का नंबर' वायरल हुआ। इस नंबर ने लोगों में दहशत पैदा कर दी। उस नंबर से कॉल रिसीव होने पर मोबाइल फटने की बात कही जा रही है। आइटी एक्सपर्ट ने इस मैसेज को बेबुनियाद बताया।
सोशल मीडिया साइट वाट्स एप पर सुबह से एक मैसेज दनादन शेयर हुआ। इसमें 777888999 नंबर लिखा था। इस नंबर को मौत का नंबर बताया। मैसेज में लिखा था, 'इस नंबर में वायरस है। इस नंबर से आए कॉल को रिसीव करते ही आपके फोन में ब्लास्ट हो जाएगा। देशभर में इस घटना से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कृपया इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।'
ऐसे में लोगों ने दनादन मैसेज को फारवर्ड करना शुरू कर दिया। इस मैसेज की विश्वसनीयता को परखने के लिए आइटी एक्सपर्ट रक्षित टंडन से बात की तो उन्होंने इस मैसेज को गलत बताया। नौ डिजिट का नहीं होता मोबाइल नंबर: विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने बताया कि जो मैसेज फॉरवर्ड हो रहा है उसमें मोबाइल नंबर नौ डिजिट का है। भारत में मोबाइल नंबर 10 अंक के होते हैं।
इतना नहीं नहीं अगर ये किसी दूसरे देश का नंबर है तो इसके आगे उस देश का कोड नंबर होना चाहिए। अभी तक किसी भी देश में ऐसी तकनीक नहीं बनी जो एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल पर कॉल कर ब्लास्ट कर दे। ये मैसेज पूरी तरह से गलत है। लोग घबराए नहीं और न ही इस मैसेज का फारवर्ड करें।
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इन्हें कहते हैं हॉक्स मैसेज: टंडन ने बताया कि नोटबंदी के समय दो हजार के नोट में चिप लगे होने का मैसेज वायरल हुआ था। इसमें कहा गया कि नोटों में चिप लगी है जिससे सरकार लोकेशन लेकर छापे मार रही है। वहीं, एक मैसेज ये भी आया था कि मुसीबत के समय एटीएम में उल्टा पिन कोड डालने से सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन तक पहुंच जाती है। कई लोगों ने इस प्रयोग को करके भी देखा लेकिन सब झूठ निकला। उन्होंने बताया कि ऐसे मैसेज को हॉक्स मैसेज कहते हैं।