रक्षक बना भक्षक: किशोर से कुकर्म के प्रयास के बाद हेड कांस्टेबल फरार, जांच में खुल रहीं परतें Agra News
6 दिसंबर की घटना पिता को थाने में खाना देना आया था किशोर। पूछताछ को पिता को लाई थी पुलिस हेड कांस्टेबल ले गया कमरे में।
आगरा, जेएनएन। कासगंज के थाना सिकंदरपुर वैश्य के एक हेड कांस्टेबल की हरकत ने खाकी को शर्मसार कर दिया है। किशोर के पिता द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद निलंबित हुआ हेड कांस्टेबल फरार हो गया है। वहीं पुलिस जांच में शर्मसार कर देने वाली खाकीधारी की हरकतें उजागर हो रही हैं।
घटना छह दिसंबर की है। कोतवाली क्षेत्र के गांव में अवैध निर्माण की शिकायत पर पुलिस एक ग्रामीण को पूछताछ के लिए थाने लाई थी। पिता को खाना देने के लिए दोपहर दो बजे करीब 14 वर्षीय बेटा थाने आया। आरोप है कि थाने पर तैनात एक हेड कांस्टेबल ने किसी काम के बहाने किशोर को अपने कमरे पर भेजा। पीछे से वह भी कमरे पर पहुंच गया। यहां उसने खाना खाया और किशोर को भी रोक लिया। कमरे पर उसने किशोर के साथ में कुकर्म करने का प्रयास किया, लेकिन किशोर मौका पाकर भाग आया। किशोर ने घर जाकर स्वजनों को पूरी घटना बताई। पीड़ित के पिता ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक सुशील घुले से मिलकर उन्हें पूरी बात बताई थी। एसपी ने इस मामले में थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिया।
पिता को उसी दिन छोड़ा थाने से
पीड़ित किशोर के पिता को पुलिस ने एक अवैध निर्माण की शिकायत पर पूछताछ के नाम पर थाने में बैठा रखा था। बताया जाता है कि किशोर के आने के कुछ देर बाद ही पिता को छोड़ दिया। बाद में जब किशोर ने अपने घर आकर पूरी बात बताई तो परिजनों को घटना की जानकारी हुई।
मंगलवार को पीड़त को मेडिकल के लिए भेजने के लिए खुद सीओ पटियाली गांव में पहुंचे। इसके बाद मेडिकल के दौरान भी वह सीएचसी पर मौजूद रहे। वहीं आरोपित सिपाही की तलाश में पुलिस के साथ एसओजी भी लगी है। बताया जाता है कि दोपहर तीन बजे तक वह थाने में ही नजर आया था, लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि यह मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आ गया है तथा मुकदमा दर्ज होने जा रहा है। वह थाने से गायब हो गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद में पुलिस उसे तलाश कर रही है। सिपाही मैनपुरी का निवासी बताया जा रहा है। इधर पुलिस अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मंगलवार सुबह दस बजे ही क्षेत्राधिकारी पटियाली गवेंद्र पाल गौतम पीड़त के गांव में पहुंचे। खौफजदां होने के कारण बच्चा कहीं भी जाने में डर रहा था। सीओ ने परिजनों एवं बच्चे से बात कर उन्हें समझाया। इसके बाद में इन्हें पुलिस के साथ मेडिकल के लिए पटियाली सीएचसी पर भेजा। सीओ खुद सीएचसी पर आए।
मंगलवार को ही कराए कोर्ट में बयान
पीड़त किशोर को लेकर सीओ मंगलवार को दोपहर बाद ही न्यायालय में पहुंचे। यहां पर 164 के तहत उसके बयान भी दर्ज कराए गए।
सिपाही के कमरे से अंडरवियर बनियान में भागा था पीड़त
सिकंदरपुर वैश्य थाने में सिपाही द्वारा जिस किशोर के साथ कुकर्म का प्रयास किया गया था वह सिपाही के कमरे से अंडरवियर एवं बनियान में ही भागा था। मामला उसी दिन थाना पुलिस के संज्ञान में आ गया, लेकिन बालक के खौफजदां होने के कारण वह कुछ बता नहीं सका। इंस्पेक्टर ने बच्चे को डायल 100 से घर भिजवाने के साथ में पिता को बुलवाया था, लेकिन पिता डर के मारे दो दिन तक थाने ही नहीं पहुंचे।
छह दिसंबर को सिकंदरपुर वैश्य थाने में घटी जिस घटना से हर कोई हैरत में है। वो घटना उसी दिन थाना पुलिस के संज्ञान में आ गई थी। पीड़त किशोर के पिता को पुलिस सुबह निर्माण की एक शिकायत पर थाने ले गई थी। पूछताछ के बाद में पिता थाने में बैठा हुआ था। साढ़े पांच बजे करीब किशोर थाने में पहुंचा तथा अपने पिता से बात की। पीड़त के पिता के अनुसार इस दौरान ही आरोपित हैड कांस्टेबल त्रिभुवन सिंह ने पीड़त से पूछा कि खाना लाया है क्या? उसने जवाब दिया कि खाना तो सुबह से नहीं बना। इस पर उसने कहा कि खाना तो घर पर ही नहीं बना। ऐसे में हैड कांस्टेबल ने खाना मंगाने के बहाने उसे कमरे पर भेज दिया। इस दौरान पिता ने अपने बेटे के संबंध में पूछा तो बताया कि वह तो घर चला गया। बताया जाता है कि हैड कांस्टेबल ने कमरे का दरवाजा बंद कर किशोर को बैठा लिया। इसके बाद उसकी कमीज उतरवाई। फिर पेंट उतारने के लिए कहा। इस पर किशोर को इसकी नीयत पर शक हुआ तो वह कमरे का दरवाजा खोल भाग खड़ा हुआ। एसओ हरीराम के अनुसार किशोर कुछ बता नहीं पा रहा था। ऐसे में हमने उसे पुलिस के साथ में गांव भिजवाया तथा उसके पिता को बुलवाया, ताकि इस मामले में परिजन किशोर से बात कर तहरीर दें, लेकिन परिजन थाने नहीं आए।
अधिकारियों को गुमराह करता रहा सिपाही
बताया जाता है इस घटना के बाद सिपाही से भी इंस्पेक्टर ने पूछताछ की तो सिपाही उन्हे गुमराह ही करता रहा कि उसने तो बच्चे के लिए खाना मंगाया था। परिजनों द्वारा कोई शिकायत न होने के कारण पुलिस भी सिपाही पर दबाव नहीं बना सकी।
पहले भी कानून के रक्षक बने हैं भक्षक
सुरक्षा की गुहार लगाने जिस खाकी के दरबार में लोग जाते हैं, उस खाकी के ही भक्षक बन जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले कासगंज के ही थाना सुन्नगढ़ी में भी ऐसी घटना हो चुकी है। उस वक्त एसपी ने सख्त रुख दिखाते हुए सिपाही को जेल भी भेजा था। उस घटना की अभी विवेचना चल रही है।
थाना सिकंदरपुर वैश्य में घटी घटना से हर कोई हैरत में हैं। एक तरफ सरकार पुलिस को फ्रेंडली बनाने पर जोर दे रही है। अफसर भी पाठ पढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ थानों में तैनात सिपाही एवं हैड कांस्टेबल का यह बर्ताव जनता में खौफ पैदा करता है। किशोर तो सिर्फ अपने पिता से मिलने के लिए थाने आया था, लेकिन थाने पर तैनात हैड कांस्टेबल ने इसको ही फंसा लिया। कुछ महीने पहले थाना सुन्नगढ़ी में भी ऐसी घटना हुई थी, जब थाने में खेल रहे बच्चों में से एक किशोर को एक सिपाही अपने साथ थाने में ही पीछे बने आवास पर ले गया तथा वहां पर उसके साथ कुकर्म का प्रयास किया। इस मामले में एसपी ने सिपाही को निलंबित करने के साथ में जेल भी भेजा था। इस मामले की अभी विवेचना जारी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
हेड कांस्टेबल के कुकर्म का प्रयास करने की शिकायत मिली है, आरोपित को निलंबित कर दिया है तथा मुकदमा दर्ज कर जांच कराई जा रही है।
सुशील घुले, एसपी, कासगंज
मुकदमा लिखने के बाद से ही आरोपित सिपाही थाने से फरार है। उसकी तलाश में एसओजी एवं थाना पुलिस जुटी हुई है।
गवेंद्र पाल गौतम, क्षेत्राधिकारी पटियाली