12 घंटे बाद जंगल में भटकती मिली जब मासूम तो उड़ गए होश, क्या था मामला पढ़ें पूरी खबर
मासूम की भाभी के मौसेरे भाई ने किया था दुष्कर्म। पहले दुर्घटना के नाम पर बहकाता रहा पुलिस को। गंभीर हालत में मिली पुलिस को िमिली पीडि़ता।
आगरा [जागरण संवाददाता]: महज चार वर्ष की उम्र में हैवानियत का दंश, वहशी ने जंगली पशुओं के हवाले जंगल में छोड़ दिया। 12 घंटे तक लहूलुहान हालत में जंगल में पड़ी रही। होश आया तो जंगल में इधर से उधर भटकती रही। बेसुध हालत मे अस्पताल में भर्ती कराई गई तो वहां एक घंटे तक इलाज का इंतजार। जरा सी उम्र और इतना दर्द।
रविवार को खेरागढ़ क्षेत्र में चार वर्षीय मासूम को बहाने से साथ ले जाकर रिश्तेदार रिंका ने दुष्कर्म कर दिया था। ग्रामीणों के धुनाई करने पर उसने मासूम की हत्या करके लाश जंगल में फेंकने की बात कही। खेरागढ़ और अछनेरा सर्किल का फोर्स और ग्रामीणों को घटनास्थल पर खून के निशान मिले थे। देर रात तक सैकड़ों ग्रामीण पुलिस के साथ मासूम की तलाश में जंगल को खंगालने में जुटे थे। जंगल का करीब दो किमी तक का चप्पा चप्पा छानने के बाद आधी रात को जाकर मासूम लहूलुहान हालत में जंगल में भटकती हुई मिली। पुलिस की छह टीम ने जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ा। गंभीर हालत में बरामद हुई मासूम की हालत गंभीर थी। पुलिस ने उसे उपचार के लिए तुरंत लेडी लॉयल हॉस्पिटल भेजा। बच्ची की गंभीर हालत होने के बावजूद भी एक घंटे तक अस्पताल में उसे इलाज नहीं मिल सका। डीएम और सीएमओ को फोन करने के बाद ही मासूम का इलाज यहां शुरू हो सका।
बता दें कि खेरागढ़ क्षेत्र की रहने वाली चार वर्षीय मासूम की भाभी का मौसेरा भाई ङ्क्षरका निवासी सैपऊ, धौलपुर रविवार को उसके घर आया था। शाम चार बजे वह मासूम को पड़ोस के गांव परिचित के यहां न्यौता खिलाने के बहाने ले गया। दो घंटे बाद नशे की हालत में बच्ची को बिना लिए लौटा। परिजनों के पूछने पर ङ्क्षरका ने बच्ची के सड़क हादसे में घायल होने पर अस्पताल में भर्ती होने की बात कही। इस पर परिजन अस्पताल पहुंचे तो स्टाफ ने बच्ची के भर्ती होने से इन्कार किया। शक पर परिजनों और ग्रामीणों ने ङ्क्षरका की धुनाई शुरू कर दी। उसने मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या कर लाश जंगल में फेंकने की बात कही। मौके पर पहुंची पुलिस उसे ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ा जंगल लेकर पहुंची, वहां घटनास्थल पर मासूम का खून पड़ा देख उसकी हत्या का यकीन होने पर ग्रामीण भड़क गए। फोरेंसिक टीम को मौके पर बुला लिया गया। एसपी ग्रामीण डॉ. अखिलेश नारायण ने बताया कि बालिका को बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
दङ्क्षरदगी की गवाही दे रहा था घटनास्थल
घटनास्थल मासूम से दङ्क्षरदगी की गवाही दे रहा था। वहां खून और मल-मूत्र पड़ा था। इससे ग्रामीणों और परिजनों को हत्या की आशंका पुख्ता हो गई। फोरेंसिक टीम ने वहां से साक्ष्य एकत्रित किए।
पुलिस न छुड़ाती तो आरोपित को मार देती भीड़
आरोपित के दङ्क्षरदगी के बाद मासूम की हत्या का इकबाल करने के बाद ग्रामीण आगबबूला हो गए थे। वे आरोपित को अपने हाथों से सजा देना चाहते थे। पुलिस मौके पर पहुंचने में कुछ मिनट देर करती तो भीड़ उसे पीट-पीटकर मार देती। बच्ची को तलाशने को एक हजार से अधिक ग्रामीणों ने पुलिस के साथ संयुक्त रूप से सर्च आपरेशन चलाया। देर रात तक बच्ची का पता नहीं चला।
आरोपित नशे में धुत था। बच्ची के परिजनों द्वारा सख्ती बरतने पर उसने उसकी हत्या कबूल की। सैकड़ों ग्रामीण वहां जुट गए। आरोपित को गांव के बीच मैदान पर लाने के बाद पीटने लगे। भीड़ उसे जिंदा नहीं छोडऩा चाहती थी। किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। अधिकारी और कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया कि बच्ची को बरामद करना जरूरी है। इसके बाद आरोपित को जंगल में लेकर गए। नशे में धुत ङ्क्षरका यह भूल गया कि बालिका को कहां फेंका है। उसने बताया कि चमेली देवी महाविद्यालय से लगे जंगल तक बच्ची उसके साथ थी। खेरागढ़-कागारौल मार्ग पर यह जंगल पांच किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसमें बालिका को खोजना आसान नहीं था। पुलिस के साथ एक हजार ग्रामीणों ने रात साढे नौ बजे से जंगल में सर्च आपरेशन चलाया।
बयान बदलता रहा आरोपी
आरोपी ने कई बार अपने बयान बदले। पहले बताया कि मासूम सड़क हादसे में घायल हुई है। कुछ देर बाद कहने लगा कि मासूम गिरकर घायल हो गई थी। घटनास्थल पर भी पुलिस को काफी घुमाने के बाद लेकर पहुंचा।