आश्रम पद्वति विद्यालय में छात्र का फंदे से लटका मिला शव, खत ने उलझाई गुत्थी Agra News
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में छात्र का फांसी के फंदे पर लटका मिला शव। 11 वीं का था छात्र।
आगरा, जेएनएन। फीरोजाबाद के मटसेना क्षेत्र के गांव वजीरपुर जेहलपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में रविवार की भोर में 11वीं के छात्र का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे पर लटका मिला। मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें मृतक के साथ ही कक्षा छह में पढऩे वाले उसके एक दोस्त के दस्तखत हैं। नोट में दोनों ने एक-दूसरे से मतलब नहीं रखने की बात लिखी है। मृतक के परिजनों ने विद्यालय प्रशासन पर हत्या कर शव को फंदे पर लटकाने की आशंका जताते हुए तहरीर दी है।
हाथरस के सादाबाद, कुरसंडा क्षेत्र के गांव नगला ध्यान निवासी 17 वर्षीय अरुण कुमार पुत्र तेजवीर सिंह गणित विषय से इंटर की पढ़ाई कर रहा था। वह मेधावी होने के साथ साथ अपनी कक्षा का मॉनीटर भी था। स्कूल परिसर में ही बने छात्रावास में अरुण कमरा नंबर चार में पांच अन्य छात्रों के साथ रहता था। वार्डन ऊषा के अनुसार शनिवार रात एक बजे तक वह राउंड पर थी, इस दौरान सब कुछ ठीक था। इसके बाद वह सोने चली गईं। भोर में करीब चार बजे रूम पार्टनर दयानंद लघुशंका के लिए उठा। उसने अरुण कुमार का शव पंखे से लटका देखा तो उसकी चीख निकल गई।
इसके बाद स्कूल और पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। कुछ देर में ही एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह, एसडीएम सदर राजेश कुमार, सीओ बल्देव खनेड़ा फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर आ गए। पुलिस ने अपने सामने शव को नीचे उतरवाया। इसके बाद मृतक के कपड़ों और बक्से की तलाशी ली गई। इस दौरान कॉपी का एक कागज मिला जिसमें कक्षा छह के जिस दूसरे छात्र का जिक्र और दस्तखत है, उसे थाने पर लाकर पुलिस ने पूछताछ की। इस दौरान छात्र ने अरुण कुमार को अपना गहरा दोस्त बताया। बाद में पुलिस ने छात्र को छोड़ दिया। इंस्पेक्टर मटसेना राजेश कुमार ने बताया कि शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंंगिंग का मामला आया है, लेकिन मृतक के पिता ने विद्यालय प्रशासन पर हत्या कर शव को लटकाने की आशंका जताई है। मामले की जांच की जा रही है।
दोस्त को अपने कमरे में ले आया था अरुण
छात्रावास के अधीक्षक राजीव गौतम ने बताया कि घटना की जानकारी होने पर जब वार्डन और अन्य कर्मचारी कमरा नंबर चार में गए तो कक्षा छह का छात्र अपने रूम संख्या 12 की जगह यहां गहरी नींद में सोता मिला। अरुण रात को उसे बुलाकर लाया था।
मेधावी था अरुण, बड़े भाइयों की तरह फौज में जाना चाहता था
पिता तेजवीर सिंह के अनुसार, हाईस्कूल में अरुण के अच्छे नंबर आए थे। वह अपने बड़े भाइयों की तरह फौज में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था। चार भाइयों में अरुण सबसे छोटा था। उसके दो बड़े भाई अशोक कुमार और विनोद कुमार फौज में हैं। तीसरा भाई जितेंद्र कुमार ने भी कक्षा दस तक की पढ़ाई इसी स्कूल से की थी। वह भी अब फौज में जाने की तैयारी कर रही है। अरुण कक्षा पांच से आश्रम पद्धति विद्यालय में पढ़ रहा था। गर्मियों की छुट्टियां घर बिताने के बाद वह वह सात जुलाई को स्कूल लौटा था। पिता ने बताया कि शुक्रवार शाम को अरुण ने अपने किसी साथी के मोबाइल से उनसे बात की थी। इस दौरान उसने अपने बारे में सब कुछ ठीक ठाक बताया था।
कक्षा छह के छात्र के देर शाम तक नहीं आए थे परिजन
हॉस्टल के अधीक्षक राजीव गौतम ने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी मैनपुरी निवासी कक्षा छह के छात्र के परिजनों को भी दे दी गई है। देर शाम तक उसके परिजन नहीं आए थे।
प्रतिबंधित है मोबाइल, फिर भी रखते थे छात्र
विद्यालय में छात्रों के लिए मोबाइल रखने की मनाही थी, इसके बाद भी कुछ छात्र चोरी छिपे मोबाइल रखते थे। सूत्रों के अनुसार पुलिस को तलाश के दौरान मृतक के सामान से भी एक मोबाइल मिला है। हालांकि पिता के अनुसार, अरुण अपने साथियों के मोबाइल से घर पर बात करता था।
सुसाइड नोट से उलझी गुत्थी
'मैं आज ...यह वादा करता हूं कि आज से मेरा और अरुण कुमार कक्षा 11 का कोई मतलब नहीं है। हम दोनों में जो सबसे पहले मतलब बनाएगा या कोशिश करेगा तो उसे अपने प्राण त्यागने होंगे। यह उस नोट का मजमून है जो तलाश के दौरान पुलिस को मिला। कॉपी के पेज पर लिखे गए इस नोट में पहले अरुण कुमार का नाम, पिता का नाम और कक्षा लिखी है। इसके नीचे काले पैन से कक्षा छह के छात्र, की उसकी कक्षा और पिता का नाम लिखा है। स्कूल से जुड़े सूत्रों मुताबिक नोट पर लिखी गई सारी बातें अरुण की राइङ्क्षटग में है, जबकि कक्षा छह के छात्र का नाम व उसकी कक्षा दूसरे छात्र की लिखावट में है। इस नोट से गुत्थी और उलझ गई है। पुलिस इन बातों के मायने खोज रही है।
दोस्त को अपने कमरे में ले आया था अरुण
छात्रावास के अधीक्षक राजीव गौतम ने बताया कि घटना की जानकारी होने पर जब वार्डन और अन्य कर्मचारी कमरा नंबर चार में गए तो कक्षा छह का छात्र अपने रूम संख्या 12 की जगह यहां गहरी नींद में सोता मिला। अरुण रात को उसे बुलाकर लाया था।