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जीएसटी कम, फिर महंगी हुई हज यात्रा, आखिर क्‍या रही वजह

हवाई किराए में हुई 26 से 30 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी। यात्रियों को 20 जून तक जमा करना होगी किराए की रकम।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 10:52 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 10:52 AM (IST)
जीएसटी कम, फिर महंगी हुई हज यात्रा, आखिर क्‍या रही वजह
जीएसटी कम, फिर महंगी हुई हज यात्रा, आखिर क्‍या रही वजह

आगरा, जेएनएन। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की दरें कम होने के बाद भी इस साल हज यात्रा का हवाई खर्च महंगा हो गया है। किराए की रकम यात्रियों को 20 जून तक जमा करानी होगी।

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इस साल हज यात्रा जून के अंत में शुरू होगी। इससे पहले यात्रियों को पूरा कराया हज कमेटी ऑफ इंडिया के खाते में जमा करना होगा। यात्री ग्रीन और अजीजिया कैटेगरी में सफर करते हैं। सऊदी अरब की मुद्रा (रियाल) में भारतीय मुद्रा की तुलना में एक रुपये से अधिक की वृद्धि होने और हवाई यात्रा का टेंडर सऊदी एयरलाइंस को मिलने के कारण किराए में वृद्धि हुई है। हज सेवा समिति के प्रदेश सचिव मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी ने बताया कि पिछले साल रियाल की दर 17.60 रुपये तय हुई थी, जबकि इस साल 18.67 रुपये तय हुआ है।

इतना देना होगा किराया

दिल्ली से हज पर जाने वाले ग्रीन कैटेगरी के यात्रियों को 2.78 लाख और अजीजिया कैटेगरी के यात्रियों को 2.41 लाख रुपये खर्च करने होंगे। इसी तरह लखनऊ से जाने वाले यात्रियों को 2.90 और 2.53 लाख रुपये देने होंगे। अंतिम किश्त के रूप में ग्रीन कैटेगरी के यात्रियों को 77 हजार 650 और अजीजिया के यात्रियों को 40 हजार 600 रुपये देने होंगे।

ये हैं ग्रीन और अजीजिया कैटेगरी

ग्रीन कैटेगरी के यात्रियों को खाने काबा से एक किलोमीटर और अजीजिया श्रेणी के यात्रियों को छह से सात किलोमीटर दूर रहना होता है। 

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