सर्दी में ठिठुरने को मजबूर गोवंश
गोशाला और नंदीशाला में नहीं है गोवंश के लिए सर्दी से बचाव के पर्याप्त इंतजाम 6090 गोवंश हैं सभी केंद्रों पर 1200 नंदी हैं नंदीशाल
18 गोवंश संरक्षण केंद्र हैं जिले में
6090 गोवंश हैं सभी केंद्रों पर
1200 नंदी हैं नंदीशालाओं में जागरण संवाददाता, आगरा: रात में मौसम सर्द होने लगा है। इसके बावजूद गोशालाओं और नंदीशालाओं के गोवंश को ठिठुरने से बचाने के लिए अब तक कोई बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। टीनशेड पर न तो अब तक पर्दे लगे हैं और न ही अलाव की व्यवस्था ही हो सकी है। कंबलों का तो कोई अता-पता ही नहीं है।
गोवंश को सर्दी से बचाने के लिए टीनशेड पर पर्दे डाल दिए जाते हैं, जिससे कि उन्हें ठंडी हवाओं और ओस से बचाया जा सके। इस सर्दी के मौसम में अब तक किसी भी गोशाला में पर्दे का बंदोबस्त नहीं हो सका है। हालांकि गोशालाओं और नंदीशालाओं में इतने टीनशेड भी नहीं हैं कि सभी गोवंश इसमें आश्रय ले सकें। बहुत सी गाय और नंदियों को खुले में रहना पड़ रहा है। अलाव के लिए भी अब तक लकड़ी का इंतजाम नहीं हुए हैं। नंदियों के लिए बाईपुर में बड़ी नंदीशाला बनाई गई है। यहां छोटे और बड़े नंदियों को अलग-अलग रखने की व्यवस्था की गई है, ताकि बलशाली नंदी, छोटे नंदियों के बीच झगड़ा न हो। पूर्व में कई छोटे नंदी घायल हो चुके हैं। उनके लिए अलग-अलग टीनशेड हैं। इनमें भी पर्दे नहीं लगे हैं।
गोवंश को सर्दी से बचाने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। बोरे मंगाए गए हैं। इन्हें सिलवाकर पर्दे के रूप में प्रयोग किया जाएगा। कंबल भी मंगाए जा रहे हैं। जल्द ही गोवंश को सर्दी से बचाने के इंतजाम पूरे हो जाएंगे।
वीएस तोमर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी