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गोवर्धन में दानघाटी मंदिर के बाद अब हरगोकुल मंदिर पर चला बुलडोजर

राजस्व और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई। मंदिर पर बने पक्के निर्माण को किया गया जमींदोज।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 06:01 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 06:01 PM (IST)
गोवर्धन में दानघाटी मंदिर के बाद अब हरगोकुल मंदिर पर चला बुलडोजर
गोवर्धन में दानघाटी मंदिर के बाद अब हरगोकुल मंदिर पर चला बुलडोजर

आगरा, जेएनएन। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश की अनुपालना में राजस्व और वन विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए हरगोकुल मंदिर पर बने पक्के निर्माण ध्वस्त कर दिए। एसडीएम गोवर्धन के निर्देशन में तीन जेसीबी मशीन से कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

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मंगलवार को एसडीएम नागेंद्र सिंह व वन क्षेत्राधिकारी डीपी सिंह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को राधाकुंड परिक्रमा मार्ग स्थित हर गोकुल मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर के समीप बने कमरों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी। मंदिर के समीप बने विशाल भागवत भवन और रास मंडल को भी तीन जेसीबी की सहायता से जमींदोज कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान सिर्फ हरगोकुल मंदिर को छोड़ा गया। समीप बने पुराने हर गोकुल मंदिर के बरामदे को भी ध्वस्त कर दिया। मंदिर प्रबंधन की तरफ से ध्वस्तीकरण कार्रवाई रोकने को पवन कुमार एडवोकेट की ओर से कागजात दिखाए गए, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर सके। कार्रवाई में करीब एक दर्जन कमरे और विशाल हॉल तथा प्रबंधन कार्यालय पर ध्वस्तीकरण कार्रवाई की। सहायक प्रबंधक संतोष उपाध्याय का आरोप है कि प्रशासन ने बिना सूचना दिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया है।  एसडीएम नागेंद्र सिंह ने बताया कि नगर पंचायत की भूमि पर अवैध रूप से बने पक्के निर्माण ध्वस्त किए गए हैं। वन क्षेत्राधिकारी डीपी सिंह ने बताया कि गोवर्धन पर्वत के समीप बने अवैध निर्माण गिराए गए हैं। कार्रवाई के दौरान सीओ विनय सिंह चौहान, प्रभारी थानाध्यक्ष सुभाष पांडे, बरसाना थानाध्यक्ष सुनील तौमर, वन विभाग से माता बख्श सिंह, मुकेश कुमार मीणा सहित पुलिस बल और मंदिर सेवायत मौजूद थे।

कुछ दिन पूर्व दानघाटी मंदिर पर चला था बुलडोजर

एनजीटरी के आदेश पर करीब दस दिन पूर्व दानघाटी मंदिर पर बुलडोजर चला था। एनजीटी के अतिक्रमण हटाने के आदेश के अनुपालन में गोवर्धन में दानघाटी मंदिर के सामने बना आरती स्थल को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया। यहां बना फव्वारा और पक्का निर्माण भी तोड़ दिया गया था। इसी के साथ यहां बनी एक दर्जन दुकानें भी जमींदोज कर दी गईं। मंदिर सेवायतों ने कार्रवाई के विरोध में मंदिर के पट दो दिन के लिए बंद कर दिए थे।


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