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गणेश चतुर्थी आज, व्रत धारण कर करेंगे गजानन प्रतिमाओं की स्थापना

10 दिन तक भगवान गणेश की भक्ति में रंगा नजर आएगा शहर

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 06:29 AM (IST)
गणेश चतुर्थी आज, व्रत धारण कर करेंगे गजानन प्रतिमाओं की स्थापना

आगरा, जागरण संवाददाता। देवों में प्रथम पूज्य, विघ्नों को हरने वाले भगवान गणेशजी अपने मूषक पर सवार होकर फिर आने वाले हैं। सोमवार को गणेश चतुर्थी से 10 दिन तक चलने वाले गणपति उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। श्रद्धालु सोमवार को व्रत रखेंगे और घरों व पंडालों में भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। 10 दिन तक विधि-विधान से पूजन किया जाएगा। शहर भगवान गणेश की भक्ति में रंगा नजर आएगा।

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सोमवार को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इसी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। सिंदूर दैत्य पर गणेशजी ने इसी तिथि को विजय प्राप्त की थी। इसीलिए इस तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कभी शहर में सीमित रूप में मनाया जाने वाला गणपति उत्सव अब भव्य रूप धारण कर चुका है। शहरभर में जगह-जगह पंडाल सजते हैं और वहां गणपति की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। मंदिरों के साथ ही जगह-जगह गणपति उत्सव को पंडाल सज चुके हैं। श्रद्धा व आस्था की डोर से बंधे श्रद्धालु 10 दिनों तक पंडालों में भगवान गणेश की आराधना करेंगे। शुभ मुहूर्त

पं. किशनचंद वाजपेयी ने बताया कि प्रात:काल से ही शुभ मुहूर्त है। दिन में कभी भी मूर्ति की स्थापना की जा सकती है। दोपहर 3:30 बजे से भद्रा लग जाएगी। वहीं, पं. ज्ञानेश शास्त्री ने बताया कि गणेशजी की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:22 से 7:30 तक, सुबह नौ से 10:30 बजे तक और दोपहर में 3:50 से शाम पांच बजे तक है। ऐसे करें स्थापना

पीतवस्त्र पर चावल का स्वास्तिक बनाकर उस पर गणेशजी स्थापित करें। फिर पंचोपचार व षोड्षाचार पूजन करें। गणेशजी पर हरी दूर्वा चढ़ाएं। घी का दीपक जलाएं और मोदक, पांच मेवा व पांच फलों का भोग लगाएं। नारियल, तांबुल, कमल गट्ठा, सुपारी, लौंग चढ़ाएं। कलंक चतुर्थी पर न करें चंद्रमा का दर्शन

पं. किशनचंद वाजपेयी ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन चंद्रमा देखने से कलंक लगता है। चंद्रमा को देखने से बचना चाहिए। मूर्तियां खरीदने उमड़ी भीड़

रविवार शाम को भगवान गणेश की मूर्तियां खरीदने को लोगों की भीड़ उमड़ी। नामनेर, सुल्तानगंज की पुलिया, सेंट्रल पार्क आवास विकास कॉलोनी, सिकंदरा-बोदला रोड पर लगी स्टॉल पर मूर्तियां खरीदने लोग पहुंचे। घरों में स्थापना के लिए छोटी और पंडालों में स्थापना को बड़ी मूर्तियां खरीदी गई। सिद्धि विनायक मंदिर से निकलेगी शोभायात्रा

राजा की मंडी स्थित गोकुलपुरा में 60वां गणेश उत्सव मनाया जा रहा है। यहां गणेश उत्सव सवारी मेला के उद्घाटन के बाद शाम को प्राचीन चंदन की गणेशजी की प्रतिमा की शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें सात आकर्षक झांकियां भी होंगी। मंदिर से शुरू होकर हाटकेश्वर मंदिर, ठठेरा बाजार, गोकुलपुरा सब्जी मंडी, बल्का बस्ती, राजा मंडी होते हुए मंदिर पहुंचकर शोभायात्रा विश्राम लेगी। महंत ज्ञानेश शास्त्री के अनुसार मंदिर की स्थापना 373 वर्ष पूर्व वर्ष 1646 में हुई थी। मराठा सरदार महादजी सिंधिया ने मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1760 में कराया गया। उन्होंने ही गणेश चतुर्थी पर वर्ष 1760 में शोभायात्रा की शुरुआत कराई थी। वर्ष 1860 तक यह परंपरा जारी रही। वर्ष 1959 में इसे दोबारा शुरू किया गया। तब से हर वर्ष शोभायात्रा निकल रही है।


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