रातभर के इंतजार के बाद जब पहुंचा तसिया का लाल तो हर आंख हो गई नम
अमृतसर में कार ने मार दी थी बीएसएफ के जवान की स्कूटी में टक्कर। देररात तक ग्रामीण करते रहे थे शव आने का इंतजार। विधायल ठा. कारिंदा सिंह श्रद्धांजलि देने पहुंचे अंत्येष्टि स्थल पर।
आगरा: मथुरा जिले के कस्बा सौंख के गांव तसिया में कल से चूल्हे नहीं जले हैं। यूं तो रविवार की रात भी अन्य दिनों की तरह ही थी लेकिन लंबी उदासी ने रात को अंतहीन सा बना दिया था। सुबह जब तसिया के लाल का शव तिरंगे में लिपटा गांव की सरहद पर पहुंचा तो जैसे रात का सन्नाटा हाहाकार में बदल गया था। अमृतसर के अटारी पर सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद बीएसएफ सैनिक
का शव सोमवार सुबह उसके गांव पहुंच गया था। सुबह अंतिम यात्रा निकली तो भीड़ उमडी पड़ी। तसिया के अलावा आसपास के गांवों के लोग भी श्रद्धांजलि को पहुंचे। अंत्येष्टि स्थल पर विधायक ठाकुर कारिंदा सिंह श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे। नम आंखों से गांव वालों ने अपने होनहार लाल को अंतिम विदाई दी।
गांव तसिया निवासी निशांत चौधरी (25 वर्ष) बीएसएफ में थे और उनकी तैनाती अमृतसर में थी। शनिवार रात यूनिट के समीप ही उनकी स्कूटी में कार ने टक्कर मार दी। निशांत की मौत की खबर सुबह ग्रामीणों को लगी तो हर कोई सन्न रह गया। घरों में चूल्हे तक नहीं सुलगे और लोग पीडि़त के आवास पर पहुंच गए। आसपास के लोगों के साथ-साथ रिश्तेदार भी गांव पहुंच गए। दिनभर महिलाएं बिलखती रहीं। मृतक के चचेरे भाई सुशील कुमार ने बताया कि निशांत काफी हंसमुख स्वभाव का था। वर्ष 2011 में इलाहाबाद से वह बीएसएफ में भर्ती हुआ। वर्ष 2015 में उसकी शादी कांमा निवासी प्रियंका के साथ हुई थी। निशांत के एक भाई और एक बहन है।