Fraud in Taxation: करोड़ों की चपत लगा चुके हैं कलाकार, सामने आ रहे अब बड़े नाम
Fraud in Taxation लगातार सामने आ रहे मामलों को देखकर आशंका गहराती जा रही है कि इस नेटवर्क के तार सिर्फ स्थानीय नहीं अंतरराज्यीय स्तर पर भी जुड़े हो सकतेे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। डायरेक्टर जनरल ऑफ एंटी इवेजन (डीजीजीआइ) मेरठ की गिरफ्त में आए आदित्य जैन की निशानदेही पर कई बड़े कालाकार रडार पर हैं, जिन्होंने बोगस और फर्जी फर्म बनाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया। लगातार सामने आ रहे मामलों को देखकर आशंका गहराती जा रही है कि इस नेटवर्क के तार सिर्फ स्थानीय नहीं, अंतरराज्यीय स्तर पर भी जुड़े हो सकतेे हैं। विभागीय सूत्रों की मानें, तो आदित्य जैन की निशानदेही पर कई सुराग मिले हैं। एक बड़े कारोबारी का भी नाम आता दिख रहा है, लेकिन विभाग सभी पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बाद ही उन पर हाथ डालने की बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर इस मामले से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े लोगों में भी खलबली है। कई लोग अंडर ग्राउंड हैं, तो कई लोग हालातों को भांप रहे हैं, ताकि अगला कदम निर्धारित किया जा सके।
जूते के कारोबार से जुड़े हैं तार
शहर जूते का बड़ा गढ़ है, लिहाजा इस सेक्टर में बोगस और फर्जी बिलिंग और ई वे बिल के संकेत मिले हैं। लिहाजा इस दिशा में भी अब जांच को आगे बढ़ाया जा सकता है।
करोड़ों से ज्यादा की चोरी
जीएसटी लागू होने के बाद शहर के शातिरों ने आइटीसी क्लेम को अपना हथियार बनाया। नए कानून की खामियां जानकर बोगस फर्म बनाकर सेंधमारी की और जमकर फर्जी इनवॉइस और ई वे बिल जारी किए। फर्जी आइटीसी क्लेम कर लाखों नहीं, करोड़ों के राजस्व को चूना लगाया। सिर्फ वाणिज्य कर विभाग के रडार पर ऐसी ही करीब 150 से ज्यादा बोगस फर्म हैैं। शुरुआती चरण में विभाग ने 21 फर्मों की जांच पूरी कर सूची वाणिज्य कर मुख्यालय को सौंप दिया है। अभियोजन की अनुमति मिलने पर मुकदमा दर्ज करा गिरफ्तारी की जाएगी।