कोहरे से एहतियात: 16 दिसंबर से निरस्त हो जाएंगी चार ट्रेनें, ऐसे रखे जाएगी ट्रेक पर निगरानी Agra News
लखनऊ इंटरसिटी समेत चार ट्रेन रहेंगी निरस्त। कोहरे में ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी।
आगरा, जागरण संवाददाता। सर्दियों ने अभी ठीक से दस्तक भी नहीं दी है कि रेल संचालन पर कोहरे का असर दिखने लगा है। उत्तर मध्य रेलवे ने कोहरे की संभावना के चलते 16 दिसंबर से 18 ट्रेनों को निरस्त किया है। 23 नियमित यात्री ट्रेनों के फेरों में कटौती की गई है। दो का आंशिक निरस्तीकरण किया गया है। आगरा से होकर जाने वाली पांच ट्रेनें भी निरस्त रहेंगी। कोहरे के समय निरस्त होने वाली गाडिय़ों की संख्या और बढ़ सकती है।
यह गाड़ी रहेंगी निरस्त
-आगरा फोर्ट-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस (अप-डाउन) - 16 दिसंबर से 31 जनवरी 2020
- झांसी-कोलकाता स्वाधीनता सेनानी एक्सप्रेस - 20 दिसंबर से 31 जनवरी 2020
- चित्रकूट धाम-कानपुर इंटरसिटी - 16 दिसंबर
- चंडीगढ़-प्रयागराज ऊंचाहार एक्सप्रेस - 16 दिसंबर से 31 जनवरी 2020
आंशिक निरस्तीकरण
मथुरा-हावड़ा चंबल एक्सप्रेस साप्ताहिक - 16 दिसंबर से 27 जनवरी 2020 व हावड़ा-मथुरा चंबल एक्सप्रेस साप्ताहिक ट्रेन का 20 दिसंबर से 31 जनवरी तक आगरा कैट-मथुरा के बीच आंशिक निरस्तीकरण रहेगा। इनके फेरे होंगे कम
कोहरे में ड्रोन से होगी ट्रैक की निगरानी
रेलवे ट्रैक की निगरानी और यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे बोर्ड ने ड्रोन कैमरे का सहारा लेने का निर्णय लिया है। इसके अलावा आरपीएफ को भी हाईटेक करने का काम चल रहा है। उसे भी अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
रेलवे ट्रैक और ओएचई की निगरानी के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा आगरा मंडल को ड्रोन कैमरे दिए जाने हैं। इन कैमरों की सहायता से सुनसान क्षेत्र में निगरानी में सहायता मिलेगी। अभी ऐसा होता है कि ओएचई टूटने पर रेलवे को सही जगह की जानकारी नहीं मिल पाती है। सबसे ज्यादा परेशानी बरसात और कोहरे के मौसम में आती है। बारिश में रेलवे ट्रैक पर कहां पानी भर गया है, रेलवे पुलों की भी ड्रोन की मदद से निगरानी हो सकेगी। कई मंडलों में तो ड्रोन से निगरानी का काम भी शुरू हो गया है। जल्द ही आगरा मंडल को भी ड्रोन मिल जाएंगे। निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। पीआरओ एसके श्रीवास्तव का कहना है कि प्रक्रिया अभी चल रही है। ड्रोन मिलने से निगरानी में सहायता मिलेगी।
गैंगमैन भी करते हैं पेट्रोलिंग
पीआरओ ने बताया कि सर्दियों में ट्रैक पर फ्रैक्चर की निगरानी के लिए गैंगमैन तैनात किए जाते हैं। यह लगातार ट्रैक पर पेट्रोलिंग करते हैं, जिससे फ्रैक्चर का पता लगाया जा सके।
रात में मिलेगी सहायता
रेलवे बोर्ड का रेल संरक्षा पर जोर है। ड्रोन कैमरे के मिलने से कोहरा और रात में निगरानी करने में आसानी होगी। यह कैमरे उच्च क्वालिटी के होंगे।