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फीजी में वरिष्ठ उपसंपादक से भारत के उपरेलमंत्री तक, कुछ ऐसा रहा अजय सिंह चाहर का सफर

अजय सिंह चाहर मूलरूप से किरावली तहसील के गांव जैंगारा के रहने वाले थे। आगरा लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1989 में जनता दल की टिकट पर जीते थे ।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 02:53 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 09:40 AM (IST)
फीजी में वरिष्ठ उपसंपादक से भारत के उपरेलमंत्री तक, कुछ ऐसा रहा अजय सिंह चाहर का सफर
फीजी में वरिष्ठ उपसंपादक से भारत के उपरेलमंत्री तक, कुछ ऐसा रहा अजय सिंह चाहर का सफर

आगरा, जागरण संवाददाता। स्वतंत्रता दिवस के दिन (15 अगस्त) 1950 को जन्में पत्रकार से केन्द्रीय मंत्री तक का सफर करने वाले अजय सिंह ने केन्द्र सरकार में मंत्री के रूप में आगरा का पहली बार प्रतिनिधित्व कराया। लम्बे समय से बीमार चल रहे अजय सिंह का 70 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदान्ता अस्पताल में मंगलवार को सुबह 5.30 बजे निधन हो गया। उनके भतीजे राज ने बताया कि अंतिम संस्कार शाम 4 बजे झांड़सा स्थित मोक्ष स्थल पर किया जाएगा।

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अजय सिंह चाहर मूलरूप से किरावली तहसील के गांव जैंगारा के रहने वाले थे। उनके पिता कैप्टन भगवान सिंह उस समय बुलंदशहर के जिलाधिकारी थे। वह खुद भी फिजी के उच्चायुक्त रहे अजय सिंह ने सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए किया व पोस्ट ग्रेजुएशन केंट वरी विश्वविद्यालय न्यूजीलैंड से पत्रकारिता में की थी। शिक्षा के बाद न्यूजीलैंड टेक्नॉलॉजी में पब्लिसिटी और प्रमोशन ऑफिसर रहे 1976 में भारत लौटे 1977 से 1980 तक समाचार संपादक इंडिया टुडे और हिंदुस्तान टाइम्स के डिप्टी एडिटर के पद पर कार्य किया।

इसके बाद न्यूजीलैंड में ही टेलीविजन में पब्लिसिटी और प्रोमोशन अधिकारी रहे। फीजी में फीजी टाइम्स अखबार में वरिष्ठ उप सम्पादक के तौर पर कार्य किया। वो किसान ट्रस्ट के दिल्ली से प्रकाशित साप्ताहिक अखबार असली भारत में 1980 से 1992 तक संपादक रहे। कई अन्य मीडिया संस्थानों में सेवाएं दीं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के कहने पर नौकरी छोड़ी और उनके साथ किसान ट्रस्ट का का काम संभाला और उसके मैनेजिंग ट्रस्टी के पद पर कार्य किया ।चौधरी चरण सिंह के देहांत के बाद किसान ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे। 1986 से 89 तक उत्तरप्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। 1989 में आगरा लोकसभा से चुनाव जीता वह केंद्रीय रेल उपमंत्री रहे। प्रथम बार आगरा को केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व दिलाया। वे अखिल भारतीय जाट महासभा के अध्यक्ष भी रहे। 1996 में, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सीसीआरटी के चेयरमैन रहे, 2005 में भारत सरकार ने उन्हें फिजी का उच्चायुक्त नियुक्त किया। अजय सिंह की धर्मपत्नी स्वर्गीय श्रीमती शिरोमणि का देहांत पिछले दिनों हो गया था।

सरकार ना गिरती तो आगरा में होती रेल कोच फैक्ट्री

अजय सिंह पत्रकारिता से राजनीति में आए थे। 1989 में आगरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और वीपी सिंह सरकार में उप रेलमंत्री बने। उन्होंने आगरा से मुंबई तक लश्कर एक्सप्रेस चलवाई थी। अछनेरा में कोच फैक्टरी मंजूर कराई, लेकिन सरकार गिर जाने के कारण लग नहीं पाई।

आगरा में शोक की लहर

पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व फिजी के उच्चायुक्त अजय सिंह के निधन पर समूचे राजनीतिक पत्रकार जगत व समाज में शोक की लहर है। उनके निधन की खबर मिलते ही आगरा शहर में उनके घनिष्ठ नजदीक रहे शिवकुमार शर्मा, संसार सिंह इन्दौलीया, अमरपाल सिंह, दाह संस्कार की अंतिम रस्म पूरी कराने को गुरूग्राम पहुंच गए हैं। 


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