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पूर्व मंत्री बोले, छह वर्ष ही बुझेगी गंगाजल से प्‍यास, भविष्य के लिए करने होंगे प्रयास Agra News

पूर्व मंत्री ने गंगाजल बर्बादी पर जताई नाराजगी। भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने को लगाने होंगे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 03:14 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 03:14 PM (IST)
पूर्व मंत्री बोले, छह वर्ष ही बुझेगी गंगाजल से प्‍यास, भविष्य के लिए करने होंगे प्रयास Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष अरिदमन सिंह का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयास से आगरा में गंगाजल की आपूर्ति तो शुरू हो गई है, लेकिन ये वर्ष 2026 तक ही पर्याप्त है। बढ़ते जनसंख्या घनत्व और गिरता भूगर्भ जलस्तर के कारण छह वर्ष बाद फिर जल संकट पैदा होगा। हमें भविष्य को ध्यान रखते हुए अभी से प्रयास में जुटना होगा, तभी समाधान हो सकता है।

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मंगलवार को एमजी रोड स्थित कार्यालय में उन्होंने मीडिया से कहा कि ये खुशी की बात है कि गंगाजल प्रोजेक्ट का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया, लेकिन अभी तक गंगाजल बर्बाद हो रहा है ये कष्ट का कारण है। जिम्मेदार इसके वितरण की पूरी व्यवस्था नहीं कर पाए हैं इसमें सुधार करना होगा। वर्ष 2012 में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रोजेक्ट के लिए प्रयास किए थे। इसके तहत पालड़ा रेगूलेटर के निकट हैड वर्क्‍स से आगरा एवं मथुरा के लिए 130 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाकर 140 क्यूसेक पानी आगरा और 10 क्यूसेक पानी आपूर्ति मथुरा को प्रस्तावित थी। लंबित प्रक्रिया निरंतर और संयुक्त प्रयास से पूरी हुई, लेकिन अब आगामी ध्यान देना होगा। हमें यमुना के जल को भी निर्मल बनाना होगा और दूसरे प्रयास करने होंगे। दिल्ली के बाद यमुना जल प्रदूषित हो जाता है, जिसके शोधन, नहरों आदि को व्यवस्थित करना होगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने होंगे, जिससे भूगर्भ जल में इजाफा हो सके। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रयास हो, व्यावसायिक स्थानों की मॉनीटिरिंग हो और सभी स्वयं भी संकल्प लें। मैं अपने घर में हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित कर रहा हूं।

तेजी से बढ़ रही है गंगाजल की मात्रा

जीवनी मंडी वाटरवर्क्‍स से गंगाजल की मात्र को बढ़ाया जा रहा है। पिछले सप्ताह 90 एमएलडी गंगाजल और 30 एमएलडी यमुना जल की आपूर्ति हो रही थी। अब यह बढ़कर 100 एमएलडी गंगाजल और 25 एमएलडी यमुना जल हो गया है।

पानी का प्रेशर नहीं ङोल पा रहीं पुरानी लाइनें

सोमवार को शहर के दो दर्जन क्षेत्रों में पानी की लाइनों में लीकेज हो गया। सबसे अधिक लीकेज पुराने शहर में हुए। इनकी संख्या डेढ़ दर्जन हैं, जबकि सिकंदरा, बोदला, शाहगंज, ताजगंज में आधा दर्जन लीकेज हुए।


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