Corona वायरस की चपेट में आया आगरा का ‘जूता’, कच्चे माल का होगा संकट Agra News
आगरा की फुटवियर इंडस्ट्री में हर महीने 15 करोड़ का माल होता है चीन से आयात। यूरोपीय देशों को यहां से हर साल 3500 करोड़ के जूते होते हैं निर्यात।
आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना वायरस ने आगरा के जूता उद्योग को भी प्रभावित किया है। चीन से आगरा को हर साल 15 करोड़ का कच्चा माल आयात होता है। वायरस फैलने के चलते आयात पर असर पड़ा है। चीन के कई प्रांत बंद हैं। आगरा में फुटवियर यूनिट्स के पास फिलहाल तो स्टॉक है लेकिन कोरोना जल्द काबू में नहीं आया तो यहां कच्चे माल की किल्लत होगी। इसके चलते जूता निर्यातकों के सामने संकट खड़ा होगा क्योंकि उन्हें समय पर यूरोपीय देशों को जूते की सप्लाई करनी है। यदि समय पर सप्लाई नहींं हुई तो इससे निर्यातकों की साख पर असर पड़ता है। आगरा के जूतों के यूरोपीय देशों में अधिक मांग है। जूतों के लिए कई तरह का कच्चा माल चीन से आता है। एक अनुमान के मुताबिक हर महीने आगरा में लगभग 15 करोड़ रुपये का माल चीन से आता है।
बड़े ट्रेडर्स करते हैं स्टॉक
चीन से माल आयात करने वाले एसके सेल्स के सुरेंद्र कुमार जैन बताते हैं कि शहर में पांच-छह बड़े ट्रेडर्स हैं। ये करोड़ों का माल आयात करते हैं। बड़े ट्रेडर्स से छोटी और मध्यम स्तर की फैक्टियां माल लेती हैं। कोरोना वायरस के अटैक से आयात से ज्यादा निर्यात पर असर पड़ेगा।
चीन से आने वाला सामान
चीन से लाइनिंग, लेस, बकल, ऑरनामेंट, सोल, लैदर लाइनिंग, काउंटर शीट, फोम, मैटल, इन सोल आदि आयात किया जाता है।
हर रोज हजारों जूते बनते हैं यहां
आगरा फुटवियर मैन्यूफेक्चर्स एंड एक्सपोटर्स चैंबर (एफमेक) के अध्यक्ष पूरन डावर बताते हैं कि आगरा में हर रोज दो लाख जूते की जोड़ियां तैयार होती हैं। ताजनगरी में 10 हजार अति सूक्ष्म, 150 सूक्ष्म, 30 मध्यम और 15 बड़ी फैक्टियां हैं। इनमें 3.5 लाख लोग काम करते हैं। आगरा से हर साल 3500 करोड़ रुपये का जूता निर्यात होता है। पूरन डावर ने बताया कि निर्यात के लिए जो जूते बनते है उनमें चीन के कई छोटे कंपोनेंट लगते हैं। चीन से माल नहीं आने पर आगरा का निर्यात निश्चित रूप से प्रभावित होगा। चीन से आने वाला माल भारत में नहीं बनता है। साथ ही चीन में उत्पादन कीमतें भी काफी कम है। फिलहाल वहां छुट्टियां भी कर दी गई हैं। इससे भी आयात पर फर्क पड़ रहा है।
जूता फैक्ट्री संचालक मानसी चंद्रा बताती हैं कि आगरा में बने जूतों की मांग यूरोपीय देशों में ज्यादा है। कई साल पहले सोवियत रूस के देशों में आगरा से बने जूते जाते थे। अब यूरोप ही मुख्य बाजार है। चीन से हमारे यहां माल आयात होता है, निर्यात बहुत कम होता है। भारत से चीन के लिए जूतों का आयात नहीं होता है। चीन से सिर्फ कच्चा माल आता है