गंगा का प्रवाह कहीं कर न दे गांव तबाह, मामूली गिरा जल स्तर फिर भी सता रही चिंता
बाढ़ की आशका ने दिन का चैन किया खराब। जल बढ़ा तो करना पड़ सकता है पलायन।
आगरा(जागरण संवाददाता): कासगंज जिले के तटवर्ती ग्रामों में फसली भूमि का सीना चीरते हुए आबादी की ओर बढ़ रहा बाढ़ का पानी ग्रामीणों की धड़कन बढ़ा रहा है। उनके रात की नींद और दिन का चैन खराब हो गया है ग्रामीण रात जागकर काट रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि अब गंगा यदि रौद्र रूप धारण करती है तो उन्हें अपने घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर जाना होगा और उनके सामने खाने पीने की और पशुओं के सामने चारे की समस्या होगी। बुधवार को भले ही गंगा के जलस्तर में मामूली गिरावट आई है, लेकिन गंगा का पानी पटियाली क्षेत्र में ग्रामों की ओर बढ़ रहा है। डीएम आरपी सिंह ने पटियाली क्षेत्र में गंगा से प्रभावित ग्रामों का दौरा किया है और सिंचाई विभाग के अफसरों को दिशा निर्देश दिए है।
गंगा में बाढ़ के हालात बने हुए है। मंगलवार को गंगा में आई बाढ़ का पानी सोरों, पटियाली क्षेत्र के कई ग्रामों की फसली भूमि में जा घुसा और सोरों के ग्राम लहरा और पटियाली के वमनपुर में यह पानी आबादी की ओर रूख कर गया। आबादी की तरफ बढ़ते पानी ने तटवर्ती ग्रामों के ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ा दी। दिन भर ग्रामीण चिंतित रहे। मंगलवार की रात उन्होंने जागकर काटी। छतों से ग्रामीण गंगा के बढ़ते जलस्तर की ओर निहारते रहे। मध्य गाव में बढ़ेगा और आबादी में तबाही मचाएगा। लेकिन पानी तो गाव की ओर बढ़ा लेकिन स्तर होकर रह गया। चूंकि गंगा के जलस्तर में मामूली .10 मीटर की गिरावट आई। मंगलवार को कछला ब्रिज पर गंगा का गेज 163.75 था जो बुधवार को घटकर 163.65 मीटर रिकार्ड किया गया। गंगा के बढ़ते जलस्तर और बलवती होती बाढ़ की आशका के मद्देनजर डीएम आरपी सिंह ने बुधवार को सुबह पटियाली के कादरगंज घाट व तटबंधों के साथ-साथ बाढ़ निरोधक कार्यो का निरीक्षण किया है और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।