चंबल में बाढ़: जल का कहर जारी, डर के साये में गांव हो रहे खाली Agra News
चंबल में बाढ़ की दहशत बढ़ी। चपेट में आए एक दर्जन गांव। प्रशासन रख रहा है हर घंटे नदी के स्तर पर नजर।
आगरा, जागरण संवाददाता। चंबल नदी में आई आफत से ग्रामीणों का कलेजा कांप गया है। सोमवार सुबह चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 133.50 तक पहुंच गया है। बाढ़ के हालातों और राहत कार्यों का निरीक्षण करने के लिए सुबह जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार और एसएसपी बबलू कुमार पिनाहट पहुंच गए।
शनिवार दोपहर कोटा बैराज से चंबल नदी में छोड़े गए पानी के कारण बाह क्षेत्र के दर्जन भर गांव डूब गए हैं। रविवार सुबह नदी खतरे के निशान (132 मीटर) को पार कर 132.20 पर पहुंच गई थी। सात गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट चुका है। जलस्तर अभी और बढ़ेगा। सिंचाई विभाग ने नदी के 134 मीटर तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया है। हालात पर काबू रखने के लिए हल्का लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। कई गांवों में हालात बेकाबू हैं। इसी बीच रविवार रात कोटा बैराज से करीब छह लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है।
इससे पूर्व नौ सितंबर को कोटा बैराज से 351769 क्यूसेक, 13 को 453653 क्यूसेक पानी कोटा बैराज से छोड़े जाने के बाद बाह क्षेत्र में चंबल नदी का उफान आया है। रविवार सुबह नदी ने बाह के एक दर्जन गांवों को घेर लिया था। लोगों के घरों, झोपड़ियों, दुकानों तक पानी पहुंच गया। तहसील मुख्यालय से गुढा, रानीपुरा, गोहरा, भटपुरा, भगवानपुरा, कछियारा, झरनापुरा गांव का पूरी तरह से संपर्क कट गया है।
झोपड़ियों, घरों और दुकानों में घुसा पानी
चंबल नदी के खतरे का निशान पार करने के बाद गोहरा, रानीपुरा के सरकारी स्कूल, पुरा उमरैठा के प्राइमरी स्कूल के अलावा अन्य गांव के लोगों की झोपड़ियां जलमग्न हो गई है। स्कूल की बिल्डिंग को पानी ने घेर लिया है। कई घर भी चपेट में आ गए हैं।
गोहरा, झरना पुरा में स्टीमर संचालन
तहसील प्रशासन ने ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए गोहरा व झरना पुरा गांव के लिए स्टीमर की सुविधा मुहैया कराई है। एसडीएम महेश प्रकाश ने बताया कि गोहरा के लिए चलने वाला स्टीमर, भटपुरा, रानीपुरा तक जाएगा। इससे तीन गांवों के लोगों को राहत मिल सकेगी।
कई गांवों की बत्ती गुल, जलीय जीवों का खतरा बढ़ा
चंबल नदी में आई बाढ़ के कारण बिजली सप्लाई काट दी गई है। गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, झरनापुरा आदि ऐसे गांव हैं, जहां शनिवार से गई बिजली रविवार रात तक नहीं आई। लोग अंधेरे में जलीय जीवों का खतरा भी बढ़ गया है। इसको लेकर ग्रामीण चिंतित हैं।
जरूरी खाद्य सामग्री की उठाई मांग
बाढ़ से घिरे गांव गोहरा के संतोष, सुभाष, अरविंद, रानीुपरा के कमलेश, भटपुरा के रामहरी, झरना पुरा के अवधेश, गुढ़ा के धनसिंह, राजपाल आदि ने गांव में राशन व जरूरी खाद्य सामग्री के साथ स्वास्थ विभाग की टीम भेजने की मांग की है, ताकि बीमारियों को रोका जा सके ।
चपेट में आए गांव
गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, भगवानपुरा, कछियारा, रेहा, उमरैठा पुरा, मऊ की मढ़ैया, झरनापुरा, सुखलाल पुरा, डालपुरा, क्यौरी, जेवरा, कुंवरखेड़ा, बमरौली, गौसिली, नंदगांव, बरैंडा, बासौनी, बघरैना, उटसाना, तासौड़, करकौली, पिनाहट, विपरावली आदि गांव।