Move to Jagran APP

सूबे के छह प्रदूषित शहरों में सुहागनगरी भी, नहीं सांस लेने लायक हवा Agra News

ग्रीन पीस इंडिया की सूची में प्रदूषित सूची में हुई शुमार। धरातल पर नहीं उतर पाईं योजनाएं लकीर पीटते रहे अफसर।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 04:38 PM (IST)
सूबे के छह प्रदूषित शहरों में सुहागनगरी भी, नहीं सांस लेने लायक हवा Agra News
सूबे के छह प्रदूषित शहरों में सुहागनगरी भी, नहीं सांस लेने लायक हवा Agra News

आगरा, जेएनएन। ताज टे्रपेजियम जोन (टीटीजेड)में शामिल कांच नगरी फीरोजाबाद में प्रदूषण घटने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी फीरोजाबाद प्रदेश के छह प्रदूषित शहरों में शुमार रहा। ग्रीन पीस इंडिया की ये सूची मंगलवार को जारी की गई।

loksabha election banner

वर्ष 1996 में प्राकृतिक गैस आने से पहले फीरोजाबाद में कोयला आधारित कांच उद्योग था। इससे वायु प्रदूषण सर्वाधिक होता था। प्रदूषण का असर ताजमहल पर होने के बाद टीटीजेड बनाया गया। इसके चलते फीरोजाबाद में उद्योगों को गैस आवंटित की गई। इससे कोयले के धुएं से उठने वाला प्रदूषण कुछ दिनों कम रहा, लेकिन उसके बाद लगातार प्रदूषण बढऩे लगा।

दो वर्ष पूर्व देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में फीरोजाबाद का नाम होने के बाद खलबली मची थी। तत्कालीन कमिश्नर के.राममोहन राव के आदेश पर एआरटीओ, पीडब्लूडी और नगर निगम समेत संबंधित विभागों ने प्रदूषण नियंत्रण को कार्य योजना तैयार की थी, परंतु कार्य योजना अब तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। न तो डीजल चालित पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है न ही कार्यदायी संस्थाओं ने नियमों का पालन किया। कोयलें की भट्ठियां और कूड़ा जलने पर भी रोक नहीं लगाई जा सकी।

नहीं घट रहा पीएम-10

प्रदूषण विभाग के अधिकारी भी स्वीकार रहे हैं कि परटीकुलर मैटर(वायु में उडऩे वाले सूक्ष्म कण-पीएम) कम नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह जितने कारखानों से निकलने वाला धुंध है, उतने ही अन्य कारक है। सड़क पर दौडऩे वाले पुराने डीजल वाहन और निर्माण साइट पर उडऩे वाले कण भी जिम्मेवार है। वर्तमान में जहां पीएम का मानक 100 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर होता है, वहीं स्थिति तीन गुना ज्यादा है। दीपावली पर यह आंकड़ा चार गुना हो गया था।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी मनोज कुमार चौरसिया बताते हैं कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रयास जारी हैं। विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन प्रदूषण घट नहीं पा रहा है।

आगरा की वायु गुणवत्ता भी खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार ताजनगरी में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 245 दर्ज किया गया। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार यहां वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में दर्ज की गई। यहां अति सूक्ष्म कणों की मात्र बढ़ी हुई दर्ज की गई।

सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन शाम को पिछले 24 घंटों में ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशनों पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर विभिन्न शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। संजय प्लेस स्थित ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग स्टेशन पर एकत्र आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को आगरा में एक्यूआइ 245 दर्ज किया गया। यह सोमवार के एक्यूआइ 212 से अधिक था। सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार वायु गुणवत्ता एक्यूआइ 0-50 तक रहने पर अच्छी, 51-100 तक रहने पर संतोषजनक, 101-200 तक रहने पर मध्यम और 201-300 तक रहने पर खराब रहती है।

मंगलवार को अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्र 351 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गई। यह मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के पांच गुना से अधिक रही। कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिकतम मात्र 125 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। यह मानक चार माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के 31 गुना से अधिक रही। इसके चलते लोगों को सांस लेने में मुश्किल का सामना करना पड़ा और दृश्यता प्रभावित रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.