मैनपुरी में एडीजे कोर्ट में चली गोली, हत्यारोपित खुद छिपाकर लाया था तमंचा Agra News
पुलिस के मुताबिक बहन के प्रेमी को फंसाने का था इरादा। घायल ने लगाया बहन के प्रेमी पर गोली मारने का आरोप।
आगरा, जेएनएन। बिजनौर के सीजीएम कोर्ट में हत्या की घटना से भी मैनपुरी पुलिस ने सबक नहीं लिया। सोमवार को एडीजी-चार के कोर्ट में एक तिहरे हत्याकांड का आरोपित पुलिस अभिरक्षा में तमंचा लेकर पहुंच गया, उसने कठघरे में खुद के पैर में गोली मार ली और आरोप बहन के प्रेमी पर लगाया। गनीमत रही गोली चलने के वक्त कोर्ट में एडीजी नहीं थे और दोपहर बाद साढ़े तीन बजे का वक्त होने की वजह से भीड़ भी कम थी। एसपी ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर एक इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
थाना करहल के गांव जलालपुर के मनीष यादव की सोमवार को एडीजे-चार तरुण कुमार की कोर्ट में पेशी थी। दोपहर बाद मनीष एडीजे कोर्ट के कटघरे में खड़ा था। न्यायाधीश उस वक्त कोर्ट में नहीं थे, वकील भी जा चुके थे। तभी अचानक गोली चलने की आवाज गूंजी। लोगों ने मनीष के पैर से खून बहता देखा। आनन-फानन में दीवानी परिसर को छावनी बना दिया गया।
कटघरे में मौजूद अन्य बंदियों ने पुलिस को बताया कि मनीष पैर से बांधकर तमंचा साथ लाया था। उसने तमंचा निकालकर खुद ही पैर में गोली मारी है। वहीं मनीष का आरोप है कि उसकी बहन का प्रेमी ङ्क्षप्रस निवासी खेरिया, थाना औंछा उसे गोली मारकर भाग गया है। पुलिस ने कोर्ट में पड़ा तमंचा कब्जे में ले लिया है। मनीष का उपचार जिला अस्पताल में कराया जा रहा है।
मां-बाप व भाई की थी हत्या
मनीष पर नौ अक्टूबर, 2012 को पिता सुखलाल, सौतेली मां सुषमा और सौतेले भाई अभिषेक की हत्या करने का आरोप है। 15 अक्टूबर, 2012 से वह जेल में निरुद्ध है।
कोर्ट में तमंचा, सुरक्षा पर सवाल
कोर्ट रूम में तमंचा लेकर हत्यारोपित मनीष के पहुंचने से कोर्ट की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लग गया है। क्या मनीष की जेल से निकलते वक्त तलाशी नहीं हुई? उसे कोर्ट तक पुलिस अभिरक्षा में ही लाया गया। फिर वह तमंचा कैसे ले आया? इसपर पुलिस व जेल की सुरक्षा व्यवस्था कठघरे में आ गई है।
हत्यारोपित ने खुद पैर में गोली मारी है। तमंचा उसके पास कैसे पहुंचा, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर एक इंस्पेक्टर व चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
अजय कुमार, पुलिस अधीक्षक