अपनों को बचाने के लिए गैरों पर एफआइआर
आगरा: खाद्यान्न घोटाले में डाटा बेस में छेड़छाड़ और आधार कार्ड नंबर बदल बायोमैट्रिक कराने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आगरा: खाद्यान्न घोटाले में डाटा बेस में छेड़छाड़ और आधार कार्ड नंबर बदल बायोमैट्रिक कराने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एफआइआर के डर से राशन डीलर खुलकर सामने तो नहीं आ रहे, लेकिन उनका कहना है कि एक से चार तारीख के बीच में सर्वर पर अपडेट होने वाला आधार पहले कैसे अपडेट हो गया। डीलरों की मशीन जमा कर यह खेल किया जाता था।
खाद्यान्न घोटाले में एफआइआर राशन डीलरों और आधार कार्ड धारकों के विरुद्ध हो रही हैं, लेकिन कॉकस में वरिष्ठ अधिकारियों के सम्मलित होने के प्रमाण सामने आ रहे हैं। एक राशन डीलर ने बताया कि कोई भी आधार कार्ड कभी भी लिंक किया जाए, लेकिन वह एक से चार तारीख के बीच में ही सर्वर पर अपडेट होता था। नंबर बदलकर और बायोमैट्रिक कराकर जब राशन जारी कराया गया तो कार्ड अपडेट कैसे हुआ। किसी भी परिवर्तन के लिए एआरओ, इंस्पेक्टर के पास लॉगइन आइडी और पासवर्ड होता है। इसके प्रयोग के बाद ही परिवर्तन किया जा सकता है। अगर परिवर्तन हुआ तो गड़बड़ी करने वाले के पास लॉगइन आइडी, पासवर्ड कहां से आए। बिना अधिकारी की सहमति के खेल नहीं हो सकता है। इसमें एजेंसी के माध्यम से डाटा फीड, अपडेट करने वाले ऑपरेटरों की भूमिका भी संदिग्ध है। राशन डीलर खाद्यान्न वितरण में तो सीधे गड़बड़ी करते हैं, लेकिन हाईटेक लेवल पर उन्हें अधिकारियों की मदद ही लेनी पड़ेगी। 16 एफआइआर और कराई दर्ज
जिला आपूर्ति अधिकारी उमेश चंद्र मिश्रा की ओर से बुधवार को आठ राशन डीलर और आठ आधार कार्ड धारकों के विरुद्ध एफआइआर और दर्ज कराई गई हैं। एआरओ अशोक मिश्रा ने बताया कि ट्रांसयमुना खाद्य क्षेत्र के राशन डीलर आनंद भृगु, पदम सिंह, राजेंद्र ंिसह, शिवरानी जाटव जो संबद्ध है मोहित कुमार से, शांती प्रसाद कर्दम हैं। वहीं ताजगंज खाद्य क्षेत्र के राजकुमारी, सुखलाल, विजय कुमार के नाम एफआइआर कराई गई है। इसके साथ ही आठ आधार कार्ड धारकों के विरुद्ध भी एफआइआर कराई गई है।