सिपाहियों के जीवन पर फिल्म बनाएंगे प्रकाश झा!
गंगाजल और राजनीति जैसी फिल्म बना चुके फिल्मकार प्रकाश झा अब सिपाहियों के जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं। वह शहर में दो दिन से डेरा जमाए हुए हैं और सिपाहियों से जुड़ी जानकारियां जुटा रहे हैं। रविवार को वह सदर और मलपुरा थाने पहुंचे। उन्होंने सिपाहियों से कई घंटे तक गुफ्तगू की। थाना परिसर के फोटो भी खींचे।
मलपुरा: गंगाजल और राजनीति जैसी फिल्म बना चुके फिल्मकार प्रकाश झा अब सिपाहियों के जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं। वह शहर में दो दिन से डेरा जमाए हुए हैं और सिपाहियों से जुड़ी जानकारियां जुटा रहे हैं। रविवार को वह सदर और मलपुरा थाने पहुंचे। उन्होंने सिपाहियों से कई घंटे तक गुफ्तगू की। थाना परिसर के फोटो भी खींचे।
रविवार सुबह प्रकाश झा पहले सदर थाने पहुंचे। यहां उन्होंने इंस्पेक्टर से लेकर सिपाहियों तक से अकेले में मुलाकात की। दोपहर 12 बजे वह मलपुरा थाने पहुंचे। उनके साथ टीम के एक सदस्य और सुरक्षाकर्मी भी थे। उन्हें वहां पांच-छह सिपाही मिले। करीब एक घंटा तक उन्होंने सभी सिपाहियों से अलग-अलग बात की। राजनीतिक दबाव समेत विभाग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। सिपाहियों से सुविधाएं, काम के तरीके और रहन-सहन के अलावा यह भी पूछा कि वे विभाग में घुटन महसूस तो नहीं कर रहे। उन्होंने थाना परिसर और सिपाहियों की बैरकों को देखने के बाद मोबाइल से फोटो भी खींचे। वह एक सप्ताह बाद फिर आने की बात कहकर चले गए। उनके आगरा पहुंचने और थानों में सिपाहियों से बात करने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह अब आगरा को केंद्रित कर सिपाहियों के जीवन पर फिल्म बनाएंगे। इसमें सिपाही की समाज में भूमिका, उनकी परिस्थिति और परेशानियों को भी पर्दे पर दिखाया जा सकता है। सिपाहियों से चर्चा में उन्होंने ऐसे संकेत भी दिए।
पहले खंदौली जाना था
निर्माता प्रकाश झा का दौरा गोपनीय रहा। वे जिले में शहर और देहात के थानों का दौरा करना चाहते थे। एसएसपी अमित पाठक से मुलाकात कर अपनी बात रखी। पहले उन्होंने सदर और खंदौली थाना चयनित किया, लेकिन शहर के नजदीक होने के कारण खंदौली के बजाए वह मलपुरा थाना पहुंचे।