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गांव की हर बेटी पढ़े इसलिए कायम की मिसाल, शिक्षा की ऐसी दीक्षा देख दूसरे ले रहे सीख Agra News

नंदापुरा गांव में बनना था राजकीय हाईस्कूल। जमीन न मिलने से खटाई में थी योजना।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 04:42 PM (IST)
गांव की हर बेटी पढ़े इसलिए कायम की मिसाल, शिक्षा की ऐसी दीक्षा देख दूसरे ले रहे सीख Agra News
गांव की हर बेटी पढ़े इसलिए कायम की मिसाल, शिक्षा की ऐसी दीक्षा देख दूसरे ले रहे सीख Agra News

आगरा, संदीप शर्मा। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो बहुत से लोग लगा रहे हैं, लेकिन इसे हकीकत में साकार करने वाले जो चंद लोग हैं, उनमें एक नाम है किसान साहब सिंह का। जहां लोग इंच- इंच जमीन के लिए कोर्ट-कचहरी और रंजिश पाल बैठते हैं, वहां साहब सिंह ने अपनी 2000 वर्ग फीट जमीन शिक्षा विभाग दान दे दी ताकि गांव की दूसरी बेटियों को आठवीं के बाद पढ़ाई के लिए रोज 14 किलोमीटर की दूरी तय न करनी पड़े।

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दरअसल, फतेहाबाद के नंदापुरा गांव में 25 साल पहले एक प्राथमिक विद्यालय बना था। बाद में इसे उच्चीकृत कर आठवीं तक कर दिया गया, लेकिन इससे आगे की पढ़ाई के लिए लड़के-लड़कियों को गांव से 14 किमी दूर फतेहाबाद जाना पड़ता था। लड़के तो जैसे-तैसे चले जाते हैं, लेकिन बेटियों के लिए यह दूरी, पढ़ाई का सपना तोड़ने वाली साबित हो रही थी। खुद साहिब सिंह ने अपनी चार बेटियों को इंटर और ग्रेजुएशन यह दूरी तय कर कराया था, इसलिए वह तकलीफ जानते थे। उम्मीद तब जागी, जब जनप्रतिनिधियों के प्रयास से गांव में स्कूल खोलने की योजना स्वीकृत हुई।

योजना स्वीकृत हो गई लेकिन जमीन नहीं थी। साल भर जमीन की तलाश होती रही। ग्राम प्रधान केशवती ने ग्राम समाज की जमीन प्रस्तावित की, तहसीलदार ने बीहड़ की जमीन प्रस्तावित की, लेकिन कोई भी जमीन मानक पर खरी नहीं उतरी। प्रस्ताव वापस भेजने की नौबत आ गई। यहीं से साहब सिंह ने परिवार से बात कर अपनी पत्नी जमुना देवी के हिस्से की 18 बिस्से जमीन विभाग को दान दे दी।

ताकि बेटियां गांव में ही पढ़ सकें

साहब सिंह बताते हैं कि उन्हें बेटियों को घर से 14 किमी दूर भेजकर पढ़ाना पड़ा। यह बात हमेशा सालती थी। ऐसा अन्य ग्रामीणों को भी लगता था। इसलिए जब गांव से स्कूल का प्रस्ताव वापस जाने की नौबत आई तो जमीन देने में साहब सिंह को मन बनाते देर न लगी।

आकार ले रहा है विद्यालय

साहब सिंह के प्रयास से नंदपुरा का राजकीय हाईस्कूल न सिर्फ आकार ले रहा है, बल्कि वहां पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है। उनका एक बेटा भी यहीं से हाईस्कूल कर रहा है। जबकि अन्य 40 बच्चे भी शिक्षा ले रहे हैं, जिनमें दर्जनभर से ज्यादा लड़कियां हैं।

गांववालों ने भी की मदद

दान में दी जमीन खेती योग्य लेकिन ऊंची-नीची थी। इस पर गांववालों ने आपस में चंदा कर रुपये जुटाए और फिर जमीन को लेवल में लाकर यहां स्कूल का काम शुरू कराया। ताकि इससे हर किसी का लगाव रहे।

आई 12 लाख की दूसरी किस्त

डीआइओएस रवींद्र सिंह ने बताया कि स्कूल निर्माण के लिए 12 लाख का बजट आ गया है, फिलहाल लेंटर डालने का काम चल रहा है। इससे क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार की उम्मीद है।


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