International Dance Day: कद्रदान को समझा आशिक तो बहुत रोईं थीं हेमा, Dream Girl ने खोले दिल के राज
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर अभिनेत्री एवं सांसद हेमा मालिनी ने साझा की यादें। कहा नृत्य के आकर्षणवश बंधी धरमजी संग जीवन की डोर।
आगरा, विनीत मिश्रा। बात उन दिनों की है जब अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना, एवरग्रीन अदाकारा और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी दिल्ली से कुछ वर्षों के लिए अपनी मूल माटी चेन्नई में मां के साथ थीं। उनकी नृत्य साधना और स्कूली शिक्षा का समय था। उम्र रही होगी चौदह बरस की। तब वह सिर्फ ईश्वर की दी मेधा के साथ सिर्फ एक अबोध बालिका थीं। एक डांस परफारमेंस हुई। गजब सराही गई। एक प्रशंसक इतना रीझा की प्रशंसा का पत्र लेकर स्कूल पहुंच गया। गेट पर गार्ड को पत्र दिया और चला गया। पत्र प्रिंसपल के पास पहुंचा और गलतफहमी हो गई। खूब झाड़ पिलाई गई। नन्हीं हेमा कुछ न समझ पायीं। प्रिंसपल ने कहा, अपनी मां को यह दिखाओ। रोती हुई यह बच्ची मां के पास पहुंची। मां ने संयत होकर पूरा पत्र पढ़ा और बेहद खुश हुईं। हेमा तब भी कुछ न समझीं। मां ने बताया, ये तो कोई फैन है। तुम्हारी डांस परफारमेंस पर प्रशंसा की चिट्ठी लिखी है। तब खुशी का ठिकाना न रहा। दरअसल, स्कूलवालों ने इसे किसी बॉयफ्रेंड का लवलेटर समझ लिया था। हेमा मालिनी ने यह राज अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण के साथ फोन पर हुई विस्तृत बातचीत में खोला। लॉकडाउन का समय वह मुंबई स्थित आवास पर बिता रही हैं। हेमा ने इस बातचीत में भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रति दुनिया की दीवानगी, खुद के प्रति धरम जी के आकर्षण, अपने चिर यौवन और सामाजिक सरोकारों पर खुलकर आत्मीय बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश-
शास्त्रीय नृत्य के विदेश में भी दीवाने
शास्त्रीय नृत्य को विदेशों में पसंद करने वाले बढ़ रहे हैं। जैसे लोग बॉलीवुड डांस में लोग रुचि ले रहे हैं, वैसे ही शास्त्रीय नृत्य में भी गहरी रुचि है। विदेश में शास्त्रीय संगीत का क्रेज बढ़ा है। एक बार जब मैं रूस गई तो वहां भारतीय शास्त्रीय नृत्य की डांस क्लास देख दंग रह गई। वहां शास्त्रीय नृत्य की जबर्दस्त दीवानगी है। विदेशी कलाकार साड़ी, बिंदी लगाकर डांस कर रहे थे। जार्जिया, फ्रांस और स्विट्जरलैंड में भी शास्त्रीय नृत्य बेहद पापुलर है।
पहले मैं कलाकार, बाद में और कुछ
मैं सांसद भी हूं, फिल्म अभिनेत्री और नृत्यांगना भी। लेकिन इस सबसे पहले मैं खुद को एक कलाकार मानती हूं। मैं नृत्य भी करती थी, और फिल्म भी। लेकिन फिर फिल्म कम हुई, भगवान की कृपा से अभी भी नृत्य के शो करती हूं। मेरा डांस बैले बहुत पॉपुलर है। ग्रुप के साथ स्टोरी बताकर नृत्य करते हैं।
रसियन व इंडियन डांस कराने की है तैयारी
मैंने जार्जिया में नार्थ के कथक और साउथ के भरतनाट्यम का फ्यूजन क्रिएट किया। ये मेरी कल्पना थी, विदेश से लोगों को बुलाना और भारत के कलाकारों के साथ उनका कार्यक्रम कराना। तीन साल पहले ये चार स्टेट में किया। ये बहुत पॉपुलर हुआ। जार्जिया मेरे बहुत फैन हैं। उनका डांस भी एनर्जेटिक है। अब मेरा आइडिया रसियन और भारतीय कलाकारों को एक साथ लाकर डांस बैले कराने का है। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल टल गया।
आम दर्शकों के लिए बसंती और क्लासी के लिए ड्रीम गर्ल
मैं क्लासी आडियंस के लिए ड्रीमगर्ल हूं और आम लोगों के लिए बसंती। मेरे लिए दोनों बहुत जरूरी है और दोनों निभाना जरूरी है। भगवान की कृपा से समय-समय पर मैंने हर किरदार निभाया। एक समय फिल्म में काम किया, फिर नृत्य जारी रहा। अब ये वक्त आया कि सांसद बनकर लोगों की सेवा कर रही हूं।
सोच बनाती है यंग
सोच ही व्यक्ति को जवान और बूढ़ा बनाती है। आप अगर सोचेंगे कि हम नौजवान हैं तो रहेंगे, सोचेंगे तो बूढ़े हो जाएंगे। सोच अच्छी रखेंगे तो आगे सब ठीक होगा। लॉकडाउन के समय भी लोगों को यही सोच रखनी चाहिए। अभी कोरोना के चलते अंधकार दिख रहा, कुछ क्लियर नहीं दिख रहा, लेकिन भरोसा है कि आगे अच्छा होगा। ये अंधकार खत्म होगा और सब ठीक होगा।
नॉनवेज और फास्टफूड से करो तौबा
इम्युनिटी पॉवर के लिए खानपान बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए अब सोचना होगा। नॉनवेज छोड़ें और फास्टफूड भी बंद करें। शाकाहारी खाना खाएं, अच्छी सोच रखें और पूजा-पाठ करें और सोचें कि दूसरों के लिए आगे अच्छा क्या करना है। लॉकडाउन के दौरान प्रेम भी उमड़ रहा है, इसलिए जरूरी है कि प्रेम बना रहे।
बेटियों के डांस करियर से धरम जी बहुत खुश हैं
बेटियों के डांस करियर को लेकर धरम जी (धर्मेंद्र) जी बहुत खुश हैं। वह पहले इसके पक्ष में नहीं थे। फिल्म के भी पक्ष में नहीं थे। फिर जब देखा तो खुश हुए। वह बेटियों को फिल्म में नहीं लाना चाहते थे। लेकिन मैंने समझाया किया यह बहुत अच्छी कला है। धरमजी को मेरा डांस बहुत अच्छा लगता था। ईशा ने डांस शुरू किया तो बहुत से लोगों ने पसंद किया, ईशा ने फिल्मों में भी मुकाम बनाया। अब धरमजी को भी अच्छा लगता है।
लॉकडाउन में रखें बेटियों का ध्यान
हेमा मालिनी का विशेष आग्रह है कि लॉकडाउन के समय सभी घर पर हैं। लेकिन, इस समय भी बेटियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। उनके साथ कुछ गलत नहीं होना चाहिए।