फैमिली के 'डॉक्टर अंकल' कर देते हैं हर मर्ज का इलाज
वर्ल्ड फैमिली डॉक्टर डे परिवार के सदस्य की तरह काम करते हैं डॉक्टर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लेने से महंगा हुआ इलाज।
आगरा, अजय दुबे । फैमिली के डॉक्टर अंकल, यह चलन कम होता जा रहा है। पेट से लेकर सिर दर्द में मरीज विशेषज्ञ डॉक्टरों को दिखा रहे हैं। मरीज की तमाम तरह की जांच कराई जाती हैं, डायग्नोसिस को लेकर डॉक्टर असमंजस में रहते हैं। साथ ही इलाज महंगा होता जा रहा है। रविवार को वर्ल्ड फैमिली डे पर फैमिली डॉक्टर से इलाज कराने के लिए जागरूक किया जाएगा।
फैमिली डॉक्टर चलन से बाहर होते जा रहे हैं। यह वह डॉक्टर हैं जो आपके पास रहते हैं। नवजात को डायरिया होने से लेकर 80 साल के बुजुर्ग का इलाज करते हैं। गर्भवती महिलाएं भी इन्हें दिखाने के लिए पहुंचती हैं। ये परिवार की हिस्ट्री जानते हैं, उनके खानपीन और रहन-सहन को समझते हैं। इससे मर्ज का पता करने के लिए जांच की जरूरत नहीं होती। एक तरह से ये परिवार के सदस्य की तरह होते हैं, बच्चों के लिए यह डॉक्टर अंकल होते हैं। मगर, यह अब चलन से बाहर होते जा रहे हैं। 30 साल पहले तक हर क्षेत्र में फैमिली फिजीशियन थे। इनकी जगह अब लोग विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेने लगे हैं। सिर दर्द के लिए ईएनटी को दिखाएं या न्यूरोफिजीशियन को
फैमिली फिजीशियन बताते हैं कि मरीज को सिर दर्द है तो वे जानते हैं कि यह किस कारण से हो सकता है। पहले फैमिली फिजीशियन ही बताते थे कि ईएनटी, नेत्र रोग विशेषज्ञ और न्यूरोफिजीशियन में से किसे दिखाएं। कई गुना बढ़ा इलाज का खर्चा
फैमिली फिजीशियन की जगह विशेषज्ञ चिकित्सक से दिखाने पर कई गुना खर्चा बढ़ गया है। बुखार का मरीज 100 से 500 रुपये तक में ठीक हो जाता था, उसकी 1000 से 1500 रुपये तक जांच कराई जा रही हैं। एंटीबायोटिक का हो रहा मिसयूज
विशेषज्ञ से दिखाने पर मरीजों को अत्यधिक दवाएं दी जा रही हैं जिससे जल्द आराम पड़ जाए। इससे एंटीबायोटिक का मिसयूज होने लगा है। यह घातक हो रहा है। वहीं, फैमिली फिजीशियन बहुत कम दवाएं देते हैं। ये है हाल
फैमिली फिजीशियन की फीस - 100 से 200 रुपये, कुछ डॉक्टर साथ में दवाएं भी देते हैं, 20 से 50 रुपये, दवाएं देकर तीन दिन तक देखते हैं, इसके बाद जांच कराते हैं। बहुत कम दवाएं।
विशेषज्ञ चिकित्सक की फीस - 500 से 1000 रुपये
ब्लड, यूरिन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सीटी स्कैन सहित 1500 से 5000 रुपये तक जांच, पांच से 10 तरह की दवाएं। फैमिली फिजीशियन - 20 से 25 (एमबीबीएस और एमडी)
विशेषज्ञ चिकित्सक - 50 (डीएम, एमसीएच और कुछ एमडी) मैं फैमिली फिजीशियन के रूप में बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग का इलाज कर रहा हूं, उनके परिवार, खानपान और रहन सहन को जानता हूं। इससे बीमारी डायग्नोज करने में मदद मिलती है। ज्यादा समस्या होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक को रेफर कर दिया जाता है।
डॉ. वीके खंडेलवाल, फैमिली फिजीशियन पहले एमबीबीएस और एमडी डॉक्टर भी फैमिली फिजीशियन की तरह से काम करते थे। मगर, अब मरीज विशेषज्ञ चिकित्सकों को दिखाना चाहते हैं। इससे एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर मधुमेह और हृदय रोग विशेषज्ञ लिखने लगे हैं।
डॉ. अशोक शिरोमणि, अध्यक्ष आइएमए आज के दौर में फैमिली फिजीशियन की जरूरत ज्यादा है, बीमारियां बढ़ रही हैं और लोग जागरूक हैं। हर क्षेत्र में एक फैमिली फिजीशियन हो, इस दिशा में काम किया जा रहा है। इसमें आम लोगों की सहभागिता भी जरूरी है।
डॉ. डीवी शर्मा, अध्यक्ष आइएमए, एएमएस