Fake Teachers आए लपेटे में, अब बीएड के गुनाहगाराें पर कसेगा शिकंजा
Fake Teacher डाॅ. भीमवरा आंबेडकर विवि में वर्ष 2004-05 के बीएड चार्ट में हुई थी हेराफेरी। एसआइटी की जांच में आगरा के 24 शिक्षको की अंकतालिका में मिली फर्जी।
आगरा, जागरण संवाददाता। फर्जी शिक्षको पंर मुकदमे के बाद बीएड के कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और चार्ट मे हेराफेरी के गुनाहगारों पर भी शिकंजा कसेगा। पुलिस की विवेचना में विवि के कई कर्मचारी भी आरोपित बन सकते हैं। पुलिस उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय मे वर्ष 2004-05 के सत्र में बीएड का फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसमें बीएड के चार्ट में हेराफरी करके कई अभ्यर्भियो के अंक बढ़ाए गए। अभ्यर्थियों को फर्जी अंकपत्र भी जारी किए गए। धांधली पकड़ में आने पर पूरे मामले की जांच एसआइटी को सौंपी गयी। उसने चार्ट से मिलान किया तो 3637 अभ्यर्थियों की अंकतालिकाओ में गड़बड़ी पायी गयी। एसआइटी की जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने अपना पक्ष नहीं भेजने वाले 2823 अभ्यर्थियों को फजी घोषित कर दिया।
एसआइटी की जांच में चार्ट में हेराफेरी करके फर्जी अंकतालिका अभ्यर्थियो को देने वाले वाले लोगो का नाम सामने नहीं आया है। जबकि यह बीएड अंकतालिका फर्जीवाड़े के गुनाहगार हैं। एसआइटी की जांच के आधार पर अभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इस जांच को अपनी विवेचना में आगे लेकर जाएगी। इससे कि वह इस खेल में शामिल बाकी गुनाहगारों तक पहुंच सके। इंस्पेक्टर शाहगंज सत्येंद्र सिंह राघव ने बताया कि पुलिस अपनी विवेचना में फर्जी अंकतालिका बनाने की साजिश में शामिल अन्य लोगों का पता लगाएगी।
विवेचना में शामिल होंगे यह बिंदु
- आरोपित शिक्षकों ने फर्जी अंकतालिका बनवाने के लिए किससे संपर्क किया था।
- अंकतालिका बनाने वालों से वह किसके माध्यम से मिले थे।
- चार्ट में हेराफेरी करके उनका नाम बढ़ाने या नंबर किन लोगों ने बढ़ाया था।
- अभ्यर्थियों से फर्जी अंकतालिका बनवाने के बदले कितनी रकम ली गयी थी।
- यह रकम उनसे किसी एजेंट के माध्यम से ली गयी या विश्वविद्यालय के किसी कर्मचारी द्वारा ली गयी।
- नौकरी हासिल करने के बाद क्या फर्जी अंकतालिका बनाने वालों ने उन्हे ब्लैकमेल करने का प्रयास किया था।