प्रतिबंधित इंजेक्शन के लिए की गई छापामारी
आगरा: दवा के काले कारोबारी बेखौफ होकर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की धड़ल्ले से बिक्री कर रहे हैं। सोमवार को मेडिकल स्टोर पर छापामारी की गई।
आगरा: दवा के काले कारोबारी बेखौफ होकर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री कर रहे है। खुफिया सूचना पर सोमवार को औषधि विभाग की टीम ने राजपुर चुंगी स्थित धाकरे मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। टीम ने ऑक्सीटोसिन की वाइल और एम्प्यूल जब्त किए हैं। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में कार्रवाई की जा रही है।
गाय, भैंस और सब्जियों में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग की शिकायतें मिलती रहती हैं। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक जुलाई से ऑक्सीटोसिन की खुदरा बिक्री पर रोक लगा दी है। दो जुलाई के अंक में दैनिक जागरण ने पड़ताल के बाद ऑक्सीटोसिन के काले कारोबारी की खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद से औषधि विभाग की टीम सूचनाएं जुटा रही थी। सहायक औषधि आयुक्त शिव शरण सिंह ने बताया कि ऑक्सीटोसिन की बिक्री की सूचना पर धाकरे मेडिकल स्टोर, राजपुर चुंगी, शमसाबाद (संचालक राजेंद्र सिंह तोमर) पर छापा मारा गया। यहां से 38100 एमएल की ऑक्सीटोसिन की वाइल जब्त की गई हैं, प्लास्टिक की इन वाइल पर रैपर नहीं था। जिससे वाइल निर्माता कंपनी का पता न चल सके। वहीं, दो एमएल के 40 एम्प्यूल (जानवरों में इस्तेमाल होने वाले) जब्त किए गए हैं। यह एम्प्यूल सिर्फ कर्नाटका बायोटेक द्वारा ही तैयार किए जा रहे हैं लेकिन इस पर कोलकाता की कंपनी का नाम लिखा है। इन्हें जब्त करने के साथ सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। ऑक्सीटोसिन के नकली होने की आशंका है, यह कहां से तैयार किए जा रहे हैं इसकी भी जांच कराई जा रही है। वाइल को 50 रुपये में बेचा जा रहा था। मेडिकल स्टोर संचालक पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। टीम में औषधि निरीक्षक आगरा राजकुमार शर्मा, ब्रजेश कुमार, अनिल कुमार आनंद मथुरा और सुनील कुमार फीरोजाबाद शामिल रहे।
ऑक्सीटोसिन का नया नियम
- पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में पंजीकृत अस्पताल और क्लीनिक को निर्माता कंपनी से सीधे सप्लाई की जाएगी।
- जनऔषधि केंद्र से अस्पताल और क्लीनिक के लिए बिक्री की जा सकेगी।
- किसी भी नाम से ऑक्सीटोसिन की खुदरा बिक्री नहीं की जा सकती है।