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CBSE: सामान्य गणित से 10वीं के बाद भी 11वीं में पूरा होगा गणित से पढ़ने का सपना

सीबीएसई देगा अपने विद्यार्थियों को इस वर्ष यह सुविधा। अंक सत्यापन उत्तर पुस्तिका की फोटोकापी और पुर्नमूल्यांकन की नहीं मिलेगी सुविधा। सभी विद्यालय अपने यहां के पिछली तीन वर्ष की बोर्ड परीक्षा में से एक रेफरेंस इयर चुनेंगे। तीनों साल के सबसे अच्छे औसत को रेफरेंस इयर चुना जाएगा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 09:22 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 09:22 AM (IST)
सीबीएसई ने इस साल व्‍यापक बदलाव किए हैं। प्रतीकात्‍मक फोटो

आगरा, संदीप शर्मा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं की परीक्षा रद कर दी है। आंतरिक और वर्षभर हुई विभिन्न परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर 20 जून को परिणाम घोषित किया जाएगा। इसके साथ बोर्ड सत्र 2020-21 में 10वीं में सामान्य गणित लेकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 11वीं में भी गणित लेने का मौका देगा। बोर्ड मूल्यांकन नीति में पास होने वाले विद्यार्थियों को यह सुविधा देगा।

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हालांकि इस साल की बोर्ड परीक्षा में इस मूल्यांकन नीति के तहत उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को बोर्ड अंक सत्यापन, उत्तर पुस्तिका की फोटोकापी और पुर्नमूल्यांकन की सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराएगा क्योंकि उनका परीक्षा परिणाम इस वर्ष विद्यालय स्तर से उपलब्ध अंकों के आधार पर होगा। इसका एक कारण यह भी है कि विद्यालय में टेस्ट और प्री-बोर्ड आदि के बाद उन्हें उनकी कापी दिखाई जाती है या उपलब्ध कराई जाती है। लिहाजा उन्हीं आंतरिक मूल्यांकन में मिले अंकों के आधार पर ही उनका वार्षिक परीक्षाफल तैयार किया जा रहा है।

ऐसे तैयार हो रहा परिणाम, यह है अंकों का गणित

- कुल अंक- 100

- आंतरिक मूल्यांकन-20 और बाहरी मूल्यांकन के 80 अंक।

- आंतरिक मूल्यांकन (20 अंक) में पांच अंक विषयात्मक जानकारी, पांच अंक प्रमाणित मूल्यांकन, पांच अंक पीटी (एक, दो या तीन का औसत), व्यक्तिगत छवि के पांच अंक।

(इस तरह मूल्यांकन न होने पर विद्यालय आनलाइन प्रतियोगिता, प्रस्तुति व व्यक्तिगत छवि के आधार पर भी आंतरिक मूल्यांकन कर सकता है।)

बाहरी मूल्यांकन (80 अंक) में 10 अंक विषय टेस्ट या यूनिट टेस्ट के होंगे। 30 अंक विषयगत टेस्ट द्वितीय या छमाही या मिड टर्म टेस्ट के होंगे। जबकि दो प्री-बोर्ड के 40 अंक हो सकते हैं। (इसमें एक से अधिक टेस्ट होने की स्थिति में भारांक, औसत या विद्यार्थी के प्रदर्शन के का आधार भी हो सकता है।)

नहीं होगा सत्यापन, फोटोकापी व पुर्नमूल्यांकन सुविधा भी नहीं

इस बार प्रधानाचार्य एक सात सदस्यीय विद्यालय की समिति गठित करेगी, वहीं समिति विद्यार्थियों के वार्षिक प्रदर्शन के आधार पर परिणाम तैयार करेगी।समिति अध्यक्ष विद्यालय प्रधानाचार्य होंगे। आंतरिक समिति में विद्यालय के गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और दो भाषाओं शिक्षक शामिल किए जाएंगे। बाहरी समिति में निकटतम सीबीएसई विद्यालय के दो शिक्षक होंगे, लेकिन दो स्कूलों के शिक्षकों को आपस में समिति सदस्य नहीं बनाया जा सकता।

दो अंकों में कर सकेंगे बदलाव

विद्यार्थियों के पांच विषयों के कुल औसत अंक रेफरेंस इयर से अधिक नहीं होना चाहिए। विषयवार अंक में केवल दो अंक ऊपर-नीचे कर सकते हैं।

ऐसे तय होगा रेफरेंस इयर

सभी विद्यालय अपने यहां के पिछली तीन वर्ष की बोर्ड परीक्षा में से एक रेफरेंस इयर चुनेंगे। तीनों साल के सबसे अच्छे औसत को रेफरेंस इयर चुना जाएगा। दो वर्ष का डाटा उपलब्ध होने पर उन दोनों वर्षों में से बेहतरीन औसत को रेफरेंस माना जाएगा।


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