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NEERI के साथ दूसरे दिन भी प्रदूषण के कारकों को खंगालने में जुटे पर्यावरणविद् मेहता Agra News

गुरुवार को नीरी की टीम के साथ आगरा पहुंचे थे पर्यावरणविद् एमसी मेहता। शुक्रवार सुबह एसएन सहित किया बदहाल पार्क माइनर का निरीक्षण।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 12:13 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 12:13 PM (IST)
NEERI के साथ दूसरे दिन भी प्रदूषण के कारकों को खंगालने में जुटे पर्यावरणविद् मेहता Agra News
NEERI के साथ दूसरे दिन भी प्रदूषण के कारकों को खंगालने में जुटे पर्यावरणविद् मेहता Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में उफनते नालों और सीवर का हाल जानने के लिए नीरी की टीम के साथ आगरा पहुंचे पर्यावरणविद् एमसी मेहता शुक्रवार सुबह से निरीक्षण में जुट गए हैं। सुबह 11 बजे तक उन्‍होंने कई स्‍थानों का निरीक्षण कर लिया था। बदहाल पार्क माइनर की स्थिति देखी। माल रोड के बाद एसएन मेडिकल कॉलेज में नाले का निरीक्षण किया। इसके बाद एएसआइ ऑफिस पहुंचे। ताजमहल के पार्श्‍व में स्थित धांधूपुरा एसटीपी के निरीक्षण को पहुंचे। इससे पूर्व वे ताज टेनरी भी गए थे। उन्‍हेें रिवर बेड पर गंदगी दिखी। नगर निगम ने यहांं सफाईकर्मी लगा रखे थे ।

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गुरुवार को पर्यावरणविद् अधिवक्ता एमसी मेहता और नेशनल इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) की टीम सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट एंड हैड डॉ. एसके गोयल के नेतृत्व में पहुंचे थे। कमिश्नर कैंप ऑफिस में संबंधित विभागों से यमुना के सुधार के उपायों की जानकारी ली। शाम 4:20 बजे एमसी मेहता और नीरी की टीम मंटोला नाले पहुंची। यहां नाला यमुना में सीधे गिर रहा था, वो टैप नहीं था। इस पर मेहता ने अचरज जताया। सामने सफाई करती जेसीबी मशीन को देख उन्होंने पूछा कि आज ही सफाई हो रही है या फिर रोजाना की जाती है। इस पर नगर निगम के अफसर संतुष्टिजनक जवाब नहीं दे सके। यहां से वो भैंरो नाला पहुंचे। यह भी यमुना में सीधे गिर रहा था। पंपिंग स्टेशन भी काम नहीं कर रहा था।

यहां से मेहता और नीरी टीम ने कुबेरपुर लैंडफिल साइट का रुख किया। अफसर तो आगे बढ़ गए, लेकिन मेहता ने अपनी गाड़ी रुकवा ली और कूड़े के ढेरों में चले गए। यहां प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का जिम्मा पाने वाली कंपनी पर सवाल उठाए। प्लांट के पेपर दिखाने को कहा, जो अफसर नहीं दिखा सके।

बिगड़ी तबियत

एमसी मेहता के साथ उनकी पीए कात्यायनी आई थीं। लैंडफिल साइट पर उनकी तबियत बिगड़ गई, जिससे उन्हें वहां से जल्दी लौटना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान

आगरा में उफनते नालों और सीवर पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणविद अधिवक्ता एमसी मेहता और नीरी को निरीक्षण कर चार सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा था। 30 जनवरी को हुई सुनवाई में एमसी मेहता ने कहा था कि ताज ट्रेपेजियम जोन टीटीजेड काफी बड़ा है। निरीक्षण को छह सप्ताह का समय चाहिए। इस पर कोर्ट ने उन्हें छह सप्ताह की मोहलत दे दी।

एक दिन पूर्व आ गई थी मेहता की टीम

अधिवक्ता एमसी मेहता की टीम एक दिन पूर्व ही आगरा आ गई थी जिससे कि अफसर उन्हें गुमराह नहीं कर सकें। उनकी टीम ने मेहता के निरीक्षण से पूर्व ही कई स्थानों पर जाकर नारकीय स्थिति के साक्ष्य जुटाए। ताज पूर्वी गेट नाला, मंटोला नाला, मलको गली में उफन रहे सीवर व नालियों समेत अन्य स्थलों को टीम के सदस्यों ने कैमरे में कैद कर लिया।

एसटीपी में बताई पेड़ों की बाधा

धांधूपुरा में 100 एमएलडी क्षमता का नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया जाना है। अफसरों ने मेहता व नीरी की टीम को जानकारी दी कि वहां कुछ पेड़ हैं, जिन्हें काटने को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता होगी।


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