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आगरा में यमुना की दशा को लेकर पर्यावरणविद एमसी मेहता ने की मंडलायुक्‍त से चर्चा

पर्यावरणविद व अधिवक्ता एमसी मेहता ने नदी का हाल देखकर जताई है चिंता। मंटोला और भैरों नाला का किया शुक्रवार को निरीक्षण। शनिवार सुबह मंडलायुक्‍त अमित गुप्‍ता से की बातचीत। एमसी मेहता यमुना की ताजा स्थिति पर बनाई गई अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 12:57 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 12:57 PM (IST)
आगरा के मंडलायुक्‍त अमित गुप्‍ता से चर्चा करते पर्यावरणविद एमसी मेहता।

आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना में गिर रहे अनटैप्ड नालों पर नगर निगम के झूठ की कलई पर्यावरणविद व अधिवक्ता एमसी मेहता के निरीक्षण में खुलकर सामने आ गई। भैरों नाला से गंदगी सीधे यमुना में जा रही थी और दुर्गंध की वजह से खड़ा होना मुश्किल था। यमुना की दशा देख पर्यावरणविद एमसी मेहता ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यमुना की दशा भयंकर है। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वो अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे। शनिवार दोपहर में उन्‍होंने मंडलायुक्‍त अमित गुप्‍ता से भी इस संबंध में बातचीत की है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार दोपहर पर्यावरणविद व अधिवक्ता एमसी मेहता और नेशनल इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के चेयरमैन डा. एसके गोयल आगरा आए। उन्होंने आगरा किला के सामने स्थित अनटैप्ड मंटोला नाला का निरीक्षण किया। इस नाले में नगर निगम द्वारा बायो रेमेडिएशन तकनीक का इस्तेमाल दूषित पानी को शोधित करने के लिए किया जा रहा है। मेहता और गोयल यहां पहुंचे तो दुर्गंध के मारे खड़ा होना मुश्किल हो रहा था। मेहता मास्क पहने थे, लेकिन दुर्गंध के चलते उन्हें नाक पर रुमाल रखना पड़ा। एनजीओ से मेहता ने नाले के इनलेट व आउटलेट पर डिजाल्व आक्सीजन (डीओ), बायो आक्सीजन डिमांड (बीओडी) की स्थिति के बारे में पूछा। एनजीओ के कर्मचारी ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास आंकड़े होने की जानकारी दी। इस पर मेहता ने कहा कि वो दो माह बाद दोबारा निरीक्षण को आएंगे। तब उन्हें मौके पर डीओ और बीओडी की स्थिति की जानकारी मिलनी चाहिए।

इसके बाद मेहता और गोयल भैरों नाला पहुंचे। यहां गंदगी सीधे यमुना में जा रही थी और दुर्गंध के चलते वहां खड़ा होना मुश्किल था। मेहता ने यमुना में सीधे जा रही गंदगी पर सवाल किया तो एनजीओ संचालक ने जानकारी दी कि अभी बायो रेमेडिएशन तकनीक ही उपयोग में लाई जा सकी है। इसके साथ फाइटो रेमेडिएशन तकनीक के उपयोग से स्थिति में सुधार आएगा। भैरों नाला पर बायो रेमेडिएशन तकनीक के इस्तेमाल से पूर्व और इस्तेमाल के बाद के आंकड़े भी दिखाए। यहां उन्होंने एक अन्य नाले पर इस्तेमाल में लाई जा रही फाइटो रेमेडिएशन तकनीक को भी जाना, लेकिन वहां भी गंदगी यमुना में जा रही थी।

यमुना में सीधे गिर रहे हैं 61 नाले

यमुना में आगरा में 90 नाले गिरते हैं। इनमें से 29 नाले टैप हैं और उनका दूषित जल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से शोधित होकर यमुना में पहुंचता है। 61 नाले अनटैप्ड हैं आैर उनका दूषित पानी सीधे यमुना में जाता है। अनटैप्ड नालों पर नगर निगम द्वारा बायो रेमेडिएशन, फाइटो रेमेडिएशन तकनीक अमल में लाई जा रही है।

आज कर सकते हैं लेदर पार्क का दौरा

एमसी मेहता और नीरी की टीम शनिवार को भी आगरा में रहेगी। वो महुअर में प्रस्तावित लेदर पार्क का निरीक्षण करेगी। सुप्रीम कोर्ट में लेदर पार्क पर मेहता और नीरी को रिपोर्ट जमा करनी है।

स्वच्छ हवा और पानी तो सबको मिलना चाहिए

एमसी मेहता और डा. एसके गोयल ने निरीक्षण से पूर्व सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की। यहां उन्होंने यमुना में गिरने वाले नालों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए किए जा रहे उपाय, इंडस्ट्रियल एरिया की स्थिति, कुबेरपुर लैंडफिल साइट से कूड़े के निस्तारण के बारे में जानकारी की। यमुना की दशा पर चिंता जताते हुए मेहता ने कहा कि पानी तो मानव, पक्षी और जानवर सभी के लिए आवश्यक है। स्वच्छ हवा और पानी तो सभी को मिलना चाहिए। उन्होंने यमुना प्रदूषण की रिपोर्ट, लेदर पार्क से जुड़े अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को कहा। बैठक में एडीएम सिटी डा. प्रभाकांत अवस्थी, एडीए सचिव राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, प्रभारी अधिकारी उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भुवन यादव, विश्वनाथ शर्मा, नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी आदि मौजूद रहे।

मेट्रो और एएसआइ के साथ करेंगे बैठक

शनिवार को मेहता और नीरी की टीम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और मेट्रो के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी।


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