महिला हेल्प लाइन की Workers ही 'बेबस', बैठना पड़ा धरने पर Agra News
महिला हेल्पलाइन 181 के स्टाफ ने दिया धरना प्रदर्शन। आठ महीने से नहीं मिला वेतन।
आगरा, जागरण संवाददाता। महिलाओंं को मुश्किल वक्त में मदद मुहैया करानी वाली महिला हेल्पलाइन की कार्यकर्ता ही बेबस हैं। जब उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई तो वे मंगलवार को धरना देने बैठ गईं। आठ महीने से वेतन नही दिए जाने से क्षुब्ध महिला हेल्पलाइन 181 के स्टाफ ने आशा ज्योति केंद्र में धरना दिया।
पीड़ित महिलाओं की तत्काल मदद और सुनवाई के लिए वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 181 सेवा शुरू की गई थी। वर्तमान में आगरा में सात लोगों का, जबकि पूरे प्रदेश में 370 लोगों का स्टाफ इसमे काम कर रहा है। इन सभी को जून 2019 से वेतन नही मिला है। पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का समाधान और उनकी काउंसिलिंग करने वाली महिलाएं अब खुद को ही पीड़ित मान रहीं हैं।
आठ महीने से बिना वेतन के काम करने के चलते 181 के स्टाफ़ में आक्रोश है। मंगलवार को आगरा का स्टाफ़ धरने पर बैठ गया। उसका कहना है कि अन्य जिलों के 181 सेवा ने भी इस धरने का समर्थन किया है।
सरकार की महत्वाकांक्षी 181 सेवा को निजी कंपनी जीवीके ईएमआरआई द्वारा संचालित किया जा रहा है। 181 सेवा के यूपी हेड आशीष कुमार का कहना है कि स्टाफ के वेतन का मामला शासन स्तर पर लंबित है।
एजेंसियों ने वापस लीं 181 सेवा में लगी गाड़ियां
181 सेवा में महिलाओ के पास तत्काल मदद के लिए पहुंचने को गाड़ियां उपलब्ध कराई गई थी। मगर जुलाई 2019 से इन गाड़ियों को पेट्रोल नहीं दिया गया था। इसके चलते ये गाड़ियां आशा ज्योति केंद्र पर शोपीस बनी खड़ी थी। ये गाड़ियां निजी एजेंसी की थीं। पिछले महीने एजेंसी ने गाड़ियां वापस ले लीं।