Ambedkar University Agra: क्योंकि यह मेरी जिंदगी का प्रश्न है..., दोषी कर्मचारी ने दिया नोटिस का जवाब
Ambedkar University Agra अंकतालिका जलाने के मामले में दोषी कर्मचारी ने दो शिक्षकों के लिए नाम। विश्वविद्यालय से मांगा आरोप पत्र और जांच समिति की रिपोर्ट। 12 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में इतिहास विभाग के पीछे कर्मचारी वीरेश कुमार को अंकतालिकाएं जलाते हुए कुछ शिक्षकों द्वारा पकड़ा गया था।
आगरा, जागरण संवाददाता। क्योंकि यह मेरी जिंदगी का प्रश्न है...यह कहना है अंकतालिका जलाने के मामले में दोषी पाए गए कर्मचारी वीरेश कुमार का। विश्वविद्यालय से मिले नोटिस के जवाब में कर्मचारी ने आरोप पत्र और जांच समिति की रिपोर्ट मांगी है। वीरेश का कहना है कि अपने ऊपर लगे आरोपों को जानने का मुझे कानूनी रूप से अधिकार है,जिससे मैं अपने बचाव में साक्ष्य व लिखित कथन उपलब्ध करा सकूं।
12 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में इतिहास विभाग के पीछे कर्मचारी वीरेश कुमार को अंकतालिकाएं जलाते हुए कुछ शिक्षकों द्वारा पकड़ा गया था। मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया गया। जांच समिति ने साक्ष्य, बयान और अपनी रिपोर्ट कुलपति को 28 दिसंबर को सौंप दी। रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही के लिए कुलसचिव को निर्देशित किया गया। कुलसचिव ने विगत छह जनवरी को कर्मचारी को दोषी मानते हुए थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया और वीरेश को नोटिस दिया गया।नोटिस के जवाब में वीरेश ने आरोप पत्र और जांच समिति की रिपोर्ट की मांग की है। उसका कहना है कि मुझे जवाब देना है, इसलिए मुझे बताया जाए कि समिति ने किस आधार पर मुझे दोषी माना है।
दो शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं
कर्मचारी वीरेश कुमार द्वारा नोटिस के जवाब में दिए गए लिखित स्पष्टीकरण में दो शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं। कर्मचारी का कहना है कि 2015 में अंकतालिकाओं में गलतियां ठीक करने का काम होता था, इस काम की जिम्मेदारी दो शिक्षकों पर थी। एक शिक्षक ने एक अन्य कर्मचारी को अलमारी में रखी बेकार सामग्री को जलाने के निर्देश दिए। इसी शिक्षक ने मुझे कहा कि देख कर आओ कि रद्दी जल गई या नहीं। मैं देखने गया था तभी मुझे पकड़ लिया गया और आरोपी बना दिया गया।
शिक्षकों को बचाया गया?
जांच रिपोर्ट और तहरीर में कहीं भी शिक्षकों के नाम का जिक्र नहीं है।विभागीय सूत्रों का कहना है कि तहरीर को भी बदला गया है। पहले लिखी गई तहरीर में इतिहास विभाग में रैकेट के काम करने का जिक्र था, जिसे बाद की तहरीर में हटा दिया गया है।कर्मचारियों में इस बात को लेकर रोष है, उनका कहना है कि शिक्षकों को बचाया गया है।