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DVVNL: हकीकत में कटा कनेक्शन, कागजों में चला बिल, पढ़ें कैसे मिल रही कर्मचारी की गलती की उपभाेक्ता को सजा

DVVNL बिजली कर्मियों ने विभाग के रिकार्ड में नहीं किया स्थाई विच्छेदन। उपभोक्ताओं पर एक लाख रुपये से ज्यादा का बिल बनाकर भेजा। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के कर्मियों की सजा उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ रही है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 02:14 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 02:14 PM (IST)
बिजली कर्मियों ने विभाग के रिकार्ड में नहीं किया स्थाई विच्छेदन।

आगरा, जागरण संवाददाता। केस-1 बलाई गांव निवासी कंचन के दादा भागमल ने वर्ष 1985 में कनेक्शन लिया था। कंचन के पिताजी सुरेश चंद और उनके दो भाई कमल व कलुवा में बटवारा हुआ। भागमल के नाम बिजली के कनेक्शन को कोई भी लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। आखिर वर्ष 2002 में स्थाई विच्छेदन कराने के लिए प्रार्थना पत्र बिजली विभाग में दिया और एक माह बाद बकाया की पूर्ण राशि जमा कर दी। कुछ दिन बाद ही तीनों भाइयों ने अपने-अपने नाम कनेक्शन ले लिया। तीनों भाई हर महीना बिजली का बिल जमा कर रहे हैं, लेकिन पिछले वर्ष दादा भागमल के नाम पर एक लाख 34 हजार रुपये बकाए का नोटिस कंचन के घर पहुंच गया। अब कंचन और उसके चचेरे भाई सुमित बिजली विभाग का चक्कर लगा रहे हैं।

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केस-2

दूसरा मामला भी स्थाई विच्छेदन से जुड़ा हुआ ही है। रतौती निवासी राज कुमार के पिता सुुखराम सिहं के नाम दो किलोवाट का बिजली कनेक्शन था। राजकुमार गुजरात में प्राइवेट नौकरी करने लगे। पिता का निधन हो गया और वह माता को साथ में रखने लगे। इसलिए वर्ष 2016 में बिजली कनेक्शन भी कटवा दिया। स्थाई विच्छेदन होने पर वह घर का ताला लगाकर गुजरात चले गए। अब सुखराम के नाम पर ही बिजली विभाग ने 84 हजार रुपये बकाया दर्शाया है। जबकि राजकुमार स्थाई विच्छेदन कराने से जुड़े सारे प्रार्थना पत्रों को लेकर डीवीवीएनएल मुख्यालय तक के चक्कर लगा रहे हैं।

बिजली कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। ऊपर लिखे दो मामले इस बात के गवाह हैं। इनके अलावा भी न जाने एेसे कितने उपभोक्ता हैं, जिन्होंने वर्षों पहले कनेक्शन कटवा दिए और अब घर पर ताला लटका है या दूसरे नाम पर कनेक्शन ले लिया, लेकिन दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के कर्मियों की सजा उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ रही है।

बिल संशोधन के लिए पहुंच रहे उपभोक्ता

डीवीवीएनएल में काम करने वाले मीटर रीडरों ने उपभोक्ताओं के गलत बिल तैयार कर दिए। जिससे 37 फीसद उपभोक्ता के बिलों गड़बड़ पाई गई। अब वे उपभोक्ता बिजली अफसरों से बिल संशोधित करने की गुहार लगा रहे हैं। बिजली अफसर काफी उपभोक्ताओं का बिल संशोधित कर भी चुके हैं। 


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