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UP Panchayat Election 2021: नेताजी की कट गई चुनाव ड्यूटी, आगरा में शिकायत के बाद मदद करने वालेे खंड शिक्षाधिकारियों की हो रही जांच

पंचायत चुनाव में शिक्षक नेताओं ने जुगत लगाकर अपनी ड्यूटी हटवा ली है। मामले सामने आने पर कुछ शिक्षकों ने की जिलाधिकारी से शिकायत। डीएम प्रभु एन सिंह ने बीएसए राजीव कुमार यादव को दिए निर्देश खंड शिक्षाधिकारियों से लिखित स्पष्टीकरण तलब।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 09:25 AM (IST)
पंचायत चुनाव से ड्यूटी कटवाने वाले शिक्षक नेताओं की शिकायत हो गई है।

आगरा, जागरण संवाददाता। पंचायत चुनाव में 15 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से तमाम शिक्षक-शिक्षिकाओं, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों व कर्मचारियों की ड्यूटी तो लग गई है, लेकिन तमाम शिक्षक नेता अपनी पहुंच का फायदा उठाकर ड्यूटी से बच गए। शिकायत अधिकारियों तक पहुंची, तो शिक्षक नेताओं को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।

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मामले में जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए) राजीव कुमार यादव को निर्देश दिए हैं कि खंड शिक्षाधिकारियों से प्रमाणपत्र तलब किए जाएं कि सूची से किसी शिक्षक का नाम छूटा तो नहीं है। इस सारी कवायद का संबंध उस शिकायत से है, जो जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह से की गई है। इसमें आरोप है कि खंड शिक्षाधिकारियों ने तमाम शिक्षक नेताओं का चुनाव ड्यूटी वाली सूची में भेजा ही नहीं। इसका फायदा यह हुआ कि उनकी ड्यूटी न तो चुनाव में लगी और न ही प्रशिक्षण में ही उनका कोई सहयोग रहा। मामले की जांच के निर्देश मिलने पर बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है।

ऐसे किया है खेल

शिकायत की गई है कि कई शिक्षक नेताओं की ड्यूटी इसलिए नहीं लगी, क्योंकि ब्लाकों में तैनाती भले खंड शिक्षाधिकारियों की हो, लेकिन वेतन बिल तैयार करने से लेकर लिखापढ़ी का पूरा काम कुछ शिक्षक नेता के माध्यम से ही होता है। इस कारण कुछ खंड शिक्षाधिकारियों ने अपने खास शिक्षक नेताओं के नाम सूची में नहीं भेजे, ताकी उनकी चुनाव ड्यूटी न लगे। यह संख्या एक या दो नहीं, बल्कि 15 ग्रामीण और नगर क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे जुगाड़ू शिक्षक हैं, जिनकी ड्यूटी लगी ही नहीं। अब जांच बीएसए पर पहुंचीं है, तो खंड शिक्षाधिकारी शिक्षक नेताओं के पत्नी और बच्चों की बीमारी का उलाहना देकर उनकी मदद करने की कोशिश में जुटे हैं, ताकी मदद की गाज कहीं उन पर न गिर जाए। हालांकि बीएसए राजीव कुमार यादव का स्पष्ट कहना है कि जिन लोगों ने सूची से नाम हटाने का काम किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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