Agra Weather 2019: सिकुड़ गई सर्दी, बढ़ गई गर्मी, पढ़ें ताजनगरी पर जलवायु परिवर्तन का असर Agra News
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदूषण अधिक होने और बारिश कम होने की वजह से सर्दी का मौसम तेजी से बदल रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। पिछले एक दशक में ठंड के मौसम में तेजी से बदलाव दर्ज हो रहा है। हर साल औसतन एक डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है। इसी वजह से ठंड की तीव्रता में भी कमी रिकॉर्ड की जा रही है और सर्दी सिकुड़ती जा रही है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदूषण अधिक होने और बारिश कम होने की वजह से सर्दी का मौसम तेजी से बदल रहा है। सभी क्षेत्रों में बादल एक बराबर नहीं बन रहे हैं। इससे बादल कमजोर हो रहे हैं और बारिश की कमी बढ़ती जा रही है। अस्थिर बादल की वजह से बारिश कमजोर हुई है।
वैज्ञानिकों की माने तो प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, अत्यधिक वाहनों का प्रयोग, एसी सहित इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। इससे ओजोन, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड सहित अन्य जहरीली गैसों का स्तर लगातार बढ़ रहा है। यह सामान्य से कई गुना तक पहुंच चुका है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 तक पहुंच रहा है। पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से जलवायु परिवर्तन होने लगा है।
प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहे दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीईआइ) के असिस्टेंड प्रोफेसर रंजीत कुमार ने बताया कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने से सर्दी, गर्मी और बारिश के चक्र में बदलाव होने लगा है। ये तीनों चार-चार महीने के लिए होते थे। मगर, पिछले कुछ सालों से बारिश डेढ़ महीने हो रही है, इन डेढ़-दो महीने में औसत बारिश 700 एमएम से अधिक दर्ज की जा रही है। सर्दी ढ़ाई-तीन महीने तक हो रही हैं। गर्मी सात महीने हो रही है। 15 से 20 दिन कड़ाके की सर्दी जरूर पड़ रही है पर गर्मी के महीने लगातार बढ़ते जा रहे हैं। फरवरी में गर्मी शुरू हो रही हैं। तापमान 45 डिग्री से ऊपर पहुंच रहा है।
दिसंबर के अंत में पड़ेगी कड़ाके की सर्दी
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस बार भी सर्दी देर से शुरू हुई है। मगर, दिसंबर के अंत में कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। 20 दिसंबर से 5 जनवरी तक तापमान दो से तीन डिग्री के बीच पहुंच सकता है। जनवरी के अंत तक सर्दी समाप्त हो जाएगी।
गिरा पारा, दिल देने लगा दगा
धुंध के साथ सुबह हुई, सोमवार को दिन में धूप निकलने के साथ सर्द हवा चलती रही। इससे न्यूनतम पारा 10.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। पारा गिरने के साथ दिल दगा देने लगा है। अमूमन चालीस साल की उम्र में धोखा देने वाला दिल अब बीस साल में भी साथ छोड़ रहा है। अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीजों को परेशानी होने लगी है।
सुबह आठ बजे के बाद धूप तेज होती गई, 10 बजे के बाद धूप तेज होती गई लेकिन सर्द हवा चलती रही। दोपहर दो बजे तक तेज धूप निकली।
उखड़ने लगी सांस
सर्दी में अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित मरीजों की सांस फूलने लगी है। सुबह और रात में सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीज खांसते खांसते परेशान हैं, ऐसे में सुबह धुंध छाने से परेशानी बढ़ रही है। एसएन, जिला अस्पताल और निजी क्लीनिक पर गंभीर हालत में मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। एसएन के टीबी एंड चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि सर्दी में धुंध छाने पर अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की सांस उखड़ने लगती है। सर्दी में अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को डॉक्टर से परामर्श लेकर दवा बदलवा लेनी चाहिए। मरीजों को इन्हेलर और अन्य दवाओं की अधिक मात्र लेनी पड़ती है।
सर्दी जुकाम के शिकार हो रहे बच्चे
सर्दी में वायरल संक्रमण भी बढ़ रहा है, इससे बच्चे सर्दी जुकाम के शिकार हो रहे हैं। एसएन के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों में वायरल निमोनिया की समस्या बढ़ रही है। यह दवाओं से भी ठीक नहीं हो रहा है।