Taj Unlocked: कल से खुलेगा ताज लेकिन 'तीसरी नजर' में अब तक नहीं सुधार
छह महीने की बंदी के दौरान भी ठीक नहीं हो सके ताज के यलो जोन में लगे 140 सीसीटीवी कैमरे। पिछले लगभग डेढ़ साल बंद हैं सभी कैमरे।
आगरा, जागरण संवाददाता। छह महीने बाद 21 सितंबर से ताजमहल खुलने जा रहा है। पर्यटक बेपनाह मोहब्बत की निशानी का दीदार करने आएंगे। इससे ताजमहल के आसपास रौनक बढ़ेगी। आवागमन ज्यादा होगा। ऐसे में इस विश्वदाय स्मारक के 500 मीटर में सुरक्षा पुलिसकर्मियों पर ही निर्भर रहेगी। क्योंकि स्मारक के बाहर निगरानी के लिए लगे 140 सीसीटीवी कैमरे अब तक ठीक नहीं हो सके हैं। सभी कैमरे बंद पड़े हैं। छह महीने की बंदी के दौरान भी इनकी सुध नहीं ली गई। लगभग डेढ़ साल से ताज के बाहर लगे कैमरे शोपीस बने हुए हैं।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा था। इसमें विभाग का कहना था कि ताज के यलो जोन में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। रखरखाव के लिए एएमसी न होने के कारण सभी कैमरों का संचालन अवरुद्ध है। विभाग की ओर से कहा गया कि इन कैमरों के संबंध में 5 मार्च 2020 को मंडलायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इन सभी सीसीटीवी कैमरों का तकनीकी परीक्षण करवाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए 40 लाख तक का पथकर निधि से पुलिस विभाग के लिए स्वीकृत किए जाने पर विचार करने किया जाएगा। इनके संचालन के लिए परीक्षण कराने का अनुरोध किया गया था, जिससे कि पथकर निधि से धन आवंटित कराया जा सके।
बता दें कि ताजमहल की सुरक्षा को तीन घेरों में बांटा गया है। ताज के अंदर का हिस्सा रेड जोन में आता है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले है। इसके अलावा ताज के बाहर 500 मीटर का दायरा और उससे आगे का तीसरे हिस्से की सुरक्षा पुलिस के जिम्मे है। ताज के पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी गेट पर पीटीजेड कैमरे (360 डिग्री पर घूमने वाला कैमरा) लगे हैं। ताज महल के तीन ओर सुरक्षा का घेरा है। चौथी ओर यमुना नदी है। शिल्पग्राम की पार्किंग से कैमरे शुरू हो जाते हैं। इसके बाद पूर्वी गेट, पाठक प्रेस, दक्षिण गेट, आरके स्टूडियो, पश्चिमी गेट और यहां से बाहर निकलने वाले पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरों से ही निगरानी रखी जाती है।