एक अप्रैल से 10 बैंकों के ग्राहकों की बदल जाएगी बैंक डिटेल, इन बैंकों का होने जा रहा विलय
एक अप्रैल से 10 बैंकों का दूसरे बैंकों में होना है विलय। मर्जर के बाद लोन और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के काम हो सकते हैं प्रभावित।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉड डाउन में घर पर बैठे बहुत से लोगों की बैंक डिटेल एक अप्रैल से बदल सकती है, क्योंकि इन बैंकों का विलय दूसरे बैंकों में विलय होने जा रहा है। इस विलय के बाद कई बैंकों के खाताधारकों के बैंक एकाउंट नंबर से लेकर आइएफएससी कोड तक में बदलाव संभव है। इससे बड़ी संख्या में ग्राहक प्रभावित होंगे और उनके लेनदेन, कारोबार पर प्रभाव पड़ेगा।
वित्त मंत्रालय की घोषणा के अनुसार एक अप्रैल 2020 से पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, केनरा बैंक जैसी बड़ी राष्ट्रीयकृत बैंकों में मर्जर होना है। दस बैंकों के मर्जर से चार बड़ी राष्ट्रीयकृत बैंक वजूद में आएंगी। इस विलय का ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा। बैंक कर्मचारी यूनियन के सदस्यों का कहना है कि मर्जर की इस कवायद के दौरान सबसे ज्यादा लोन के मामले और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन जैसे काम प्रभावित हो सकते हैं।
इन बैंक के खाता नंबर में होगा बदलाव
विलय की प्रक्रिया में इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय प्रस्तावित है। वर्तमान में इलाहाबाद बैंक के खाताधारकों का खाता नंबर 11 अंकों का होता है। मर्जर के बाद यह बदल जाएगा और इंडियन बैंक के नियम के अनुसार 12 अंकों का हो जाएगा। इसी प्रकार पंजाब नेशनल बैंक में अभी 16 अंकों का अकाउंट नंबर होता है। विलय के बाद इसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स एवं यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर होना है। इनके खाताधारकों के भी अकाउंट नंबर बदल जाएंगे। इस क्रम में सिंडिकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक में एवं आंध्रा बैंक, कार्पोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक में होना है।
खातों को अपडेट करना होगा
बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों के खाता नंबर में बदलाव हो सकता है। ऐसे में उन्हें नंबरों को एवं खातों को अपडेट करवाना होगा। अधिकांश ग्राहकों के बैंक अकाउंट नंबर कई स्थानों पर ङ्क्षलक होते हैं। उनके नंबर एलपीजी सिलेंडर की सब्सिडी से लेकर स्कॉलरशिप आदि में ङ्क्षलक होते हैं। बैंकों के विलय के बाद से इन सबको अपने नंबर बदलवाकर इन्हें दोबारा अपडेट कराना पड़ सकता है। इस संबंध में जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सुरेश राम का कहना है कि प्रयास हैं कि ग्राहकों को परेशानीन हो। मर्जर के दौरान प्रवर्तक बैंक के ही आइएफएससी कोड एवं अकाउंट नंबर उसमें लागू करने का प्रयास चल रहा है।