Arbitration: बढ़ते पारिवारिक विवादों के चलते 'मध्यस्थता से सुलह' आया अब ये नया विषय
Arbitration बीसीआई ने एलएलबी में मध्यस्थता से सुलह विषय को किया अनिवार्य। इसी सत्र से पढ़ेंगे विद्यार्थी बीसीआई तय करेगा शिक्षक।
आगरा, जागरण संवाददाता। एलएलबी डिग्री कोर्स में इसी सत्र से मध्यस्थता से सुलह अनिवार्य विषय के रूप में शामिल होगा। इस पर बार काउंसिल अॉफ इंडिया ने मुहर लगा दी है।विषय 45 घंटे का कोर्स कंपोनेंट होगा, जो तीन और पांच वर्ष के पाठ्यक्रम व ऑनर्स डिग्री और गैर-ऑनर्स दोनों के लिए के लिए अनिवार्य होगा।
काउंसिल ने भारतीय विधिक प्रणाली में सुधार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मध्यस्थता और सुलह की कला में छात्रों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसमें अदालतों पर बोझ को कम करना और पक्षकारों द्वारा त्वरित और प्रभावकारी प्रस्ताव पर सहमति से विवाद के विभिन्न बिंदु शामिल है।एलएलबी डिग्री देने वाली यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को संबोधित पत्र में बीसीआई ने कहा है कि मध्यस्थता विषय के लिए आवश्यक शिक्षकों की योग्यता किसी भी संस्थान के परामर्श से बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय की जाएगी।यह कदम महामारी के बीच निलंबित अदालत के कामकाज की पृष्ठभूमि में उठाया गया है, जिसमें मध्यस्थता का विकल्प समाधान के एक महत्वपूर्ण टूल के रूप में सामने आया है। बीसीआई ने कहा कि वादकारियों, छात्रों और वकीलों को मध्यस्थता के बारे में अधिक जानकारी देने से मामलों को सीधे दर्ज करने के बजाय इसे एक विकल्प के रूप में देखा जाएगा।