Pitra Paksha 2020: इस बार Online भी खुलेगा मोक्ष का द्वार, जान लें तर्पण की विधि एवं तिथियां
Pitra Paksha 2020कोरोना काल में आचार्य और पंडित अॉनलाइन पिंडदान कराने के लिए तैयार। घर पर ही कर सकेंगे तर्पण मंदिर बंद होने से नहीं हो पाएगा दान।
आगरा, जागरण संवाददाता। दो सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष में इस साल ऑनलाइन भी मोक्ष का द्वार खुलेगा।कोरोना काल में ताजनगरी के कई पंडित और आचार्य व्हाट्सअप और फेसबुक के जरिये ऑनलाइन पिंडदान भी कराएंगे। यजमानों ने पहले से ही बुकिंग करा ली है।श्राद्धपक्ष 17 सितंब तक हैं।
अॉनलाइन कराएंगे पूजा
कोरोना काल में नदी किनारे इस बार पूजा आदि का विधान नहीं होगा।इसके लिए शहर के पंडितों और आचार्यों ने अॉनलाइन पूजा की व्यवस्था की है। उनके पास यजमानों के फोन बुकिंग के लिए भी आ चुके हैं।लंगड़े की चौकी मंदिर के महंत गोपी गुरु ने बताया कि कई श्रद्धालुओं ने उनसे फोन पर ही पूजा कराने का अनुरोध किया है। मंदिर भी अभी नहीं खुले हैं, इसलिए हम भी अॉनलाइन पिंडदान कराने की तैयारी कर रहे हैं।
घर पर ही करें तर्पण
ज्योतिषाचार्य डा. शोनू मेहरोत्रा बताती हैं कि घर पर भी तर्पण किया जा सकता है।तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काले तिल डालें,जल को सामने रखकर गीता के 11वें अध्याय का पाठ करें। साथ में अपने पित्तरों की फोटो भी रख सकते हैं।पाठ के बाद लोटे के जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें।
सूखा राशन दें दान में
इस बार पंडित घर पर आकर भोजन नहीं करेंगे इसलिए पंडितों को दक्षिणा में फल,मेवा, वस्त्र, कच्चा राशन आदि उनके घर जाकर दिया जाएगा।कुछ लोग आश्रम आदि में भी दान करने की योजना बना रहे हैं।
15 दिन व्यतीत करेंगे साधारण जीवन
पितृपक्ष में प्रवासी भारतीय 15 दिन तक साधारण जीवन व्यतीत करेंगे। घर में पितरों के निमित्त सुबह जल अर्पित करेंगे। मांस, मदिरा का सेवन नहीं करेंगे। सात्विक भोजन ग्रहण करेंगे।
श्राद्ध की तिथियां
01 सितंबर- पूर्णिमा
02 प्रतिपदा
03- द्वितीया
04- तृतीया
05- रिक्त
06- चतुर्थी
07- पंचमी
08- षष्ठी
09- सप्तमी
10- अष्टमी
11- नवमी
12- दशमी
13- एकादशी
14- द्वादशी
15- त्रयोदशी
16- चतुर्दशी
17- अमावस्या