Agra News: स्मार्ट सिटी का ये रूप भी, है दम तो पकड़ के दिखाओ...नगर निगम के गेट पर खड़े कुत्ते दे रहे चुनौती
Agra News आगरा में कुत्ते लगातार हमलावर हो रहे हैं। एंटी रैबीज के टीके के लिए अस्पताल और निजी चिकित्सकों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। निगम के गेट पर ही कुत्ते आने वालों पर भौंकते हैं। बाइक सवारों के पीछे भागते हैं।
आगरा, प्रभजोत कौर। यही है स्मार्ट सिटी, यही है नगर निगम और यही है आगरा...कुत्तों के हमले की लगातार होती घटनाएं, जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में एंटी रैबीज के टीके लगवाने पहुंचते लोगों की बंपर भीड़, शहर भर के कुत्तों की नसबंदी कराने की घोषणा और नगर निगम के दरवाजे पर खड़े यह कुत्ते। हर आदेश से बेपरवाह, आजाद और ताल ठोक कर अपनी जनसंख्या को बढ़ाने में इस अंदाज में खड़े थे मानो चुनौती दे रहे हों कि पकड़ सके तो पकड़ के दिखाओ।
नगर निगम और पशु विभाग में कर्मचारियों की लंबी फौज
नगर निगम के पशुपालन विभाग में अधिकारी और कर्मचारियों की लंबी फौज है। स्टाफ के वेतन सहित अन्य पर हर माह तीन लाख रुपये खर्च होते हैं जबकि हर माह महज 17 कुत्ते पकड़े जाते हैं। इसमें 85 प्रतिशत कुत्तों को जिस क्षेत्र से पकड़ा जाता है। वहीं पर छोड़ दिया जाता है।
नगर निगम के दफ्तर पहुंचती हैं शिकायतें
निगम कार्यालय में हर दिन दर्जनभर के आसपास शिकायतें पहुंचती हैं। एक साल में केवल 205 कुत्ते पकड़े गए हैं। जिला अस्पताल की बात करें तो यहां हर रोज एंटी रैबीज लगवाने के लिए लगभग 400 लोग पहुंचते हैं। नगर निगम ने चार संस्थाओं को कुत्ता पकड़ने की जिम्मेदारी दी है। यह संस्थाएं शहर भर से 60 हजार कुत्तों को पकड़ कर नसबंदी करेंगी और इसमें सात करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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खूंखार हो रहे हैं कुत्ते
इसके बावजूद नगर निगम के मुख्य एंट्री पर ही कुत्तों का जमावड़ा लगना नगर निगम के हर आदेश की खिल्ली उड़ाना सा है।यह स्थिति तब है जब जिला अस्पताल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने आने वाले हर मरीज से पूछकर डाटा बनाया गया कि कहां के कुत्ते ज्यादा खूंखार हैं। इसके बाद इस सूची को शासन में भी भेजा गया।पर नतीजा ढाक के तीन पात सा है।