एक वर्ष में पेश नहीं हुई डीएनए रिपोर्ट, कोर्ट ने मांगा जवाब
डा. योगिता गौतम हत्याकांड डा. योगिता के पिता ने दायर की थी याचिका हाईकोर्ट ने जताई देरी पर नाराजगी डीजीपी प्रमुख सचिव गृह और ज्वाइंट डायरेक्टर एफएसएल को देना होगा शपथपत्र
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. योगिता गौतम हत्याकांड में कोर्ट में विचारण शुरू हो गया है। बालों के नमूने भेजने के एक वर्ष बाद भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला से इसकी रिपोर्ट नहीं हो सकी है। डा. योगिता के पिता ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने रिपोर्ट आने पर देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और फोरेंसिक लैब के ज्वाइंट डायरेक्टर से जवाब मांगा है।हाईकोर्ट ने उन्हें अपना शपथ पत्र देने को भी आदेशित किया है।
एसएन मेडिकल कालेज से एमएस कर चुकी डॉ. योगिता गौतम 18 अगस्त 2020 की शाम को लापता हो गई थीं। इस मामले में डा. योगिता के भाई मोहिदर गौतम ने डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। 19 अगस्त की सुबह डौकी में योगिता का शव बरामद हो गया। पुलिस ने जालौन में तैनात कानपुर निवासी डा. विवेक तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हत्याकांड में कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है। 24 दिसंबर को आरोपित के खिलाफ आरोप तय हो गए हैं। योगिता गौतम के हाथ से पुलिस ने बाल बरामद किए थे। आशंका जताई गई थी कि ये बाल संघर्ष के दौरान डा. विवेक के टूट गए होंगे। इसलिए पुलिस ने आरोपित के बालों से इनका डीएनए मिलान के लिए सैंपल नौ सितंबर 2020 को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे थे। इनकी रिपोर्ट अभी तक कोर्ट में नहीं आई है। इसको लेकर डा. योगिता के पिता अंबेश कुमार और भाई मोहिदर गौतम ने अगस्त में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और फोरेंसिक लैब के ज्वाइंट डायरेक्टर से जवाब मांगा है। कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट में देरी होने का कारण तीनों को अपने शपथ पत्र के माध्यम से बताने को भी आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट में इस मामले में अब एक अक्टूबर को दोबारा सुनवाई होगी।